चांदी की चमक ने तोड़ा रिकॉर्ड, 2.50 लाख/किलो के पार पहुंची कीमतें
एक दिन में 14,000 रुपये से ज्यादा की छलांग, सोना भी 1.40 लाख के ऊपर मजबूत
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वायदा बाजार में चांदी पहली बार 2.50 लाख रुपये प्रति किलो के पार
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एक ही कारोबारी दिन में करीब 14,400 रुपये की तेजी
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दिसंबर में चांदी ने निवेशकों को दिया 45 प्रतिशत से अधिक रिटर्न
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औद्योगिक मांग और वैश्विक अनिश्चितता से बढ़ी चमक
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 29 दिसंबर: साल के आखिरी कारोबारी दिनों में चांदी ने बाजार को हैरान कर दिया है। वायदा बाजार में चांदी ने पहली बार 2.50 लाख रुपये प्रति किलो का स्तर पार कर नया इतिहास रच दिया। निवेशकों के लिए यह तेजी किसी सरप्राइज से कम नहीं रही, क्योंकि एक ही दिन में कीमतों में 14 हजार रुपये से ज्यादा का उछाल देखने को मिला।
सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर चांदी की शुरुआत करीब 2,47,000 रुपये प्रति किलो के आसपास हुई, लेकिन कुछ ही देर में तेज खरीदारी के चलते इसमें जबरदस्त उछाल आ गया। कारोबार के दौरान चांदी 2,54,000 रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर माना जा रहा है। इससे पहले पिछले कारोबारी सत्र में चांदी करीब 2,39,000 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी।
दिसंबर में निवेशकों की शानदार कमाई
दिसंबर का महीना चांदी निवेशकों के लिए बेहद खास साबित हुआ है। नवंबर के अंत में जहां कीमतें करीब 1,75,000 रुपये प्रति किलो थीं, वहीं अब इसमें लगभग 79,000 रुपये प्रति किलो की बढ़त दर्ज की जा चुकी है। सिर्फ दिसंबर महीने में ही चांदी ने करीब 45 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि सालाना आधार पर इसमें लगभग तीन गुना तक की तेजी देखी गई है।
वैश्विक बाजारों से भी मिला समर्थन
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी चांदी की मजबूती साफ नजर आ रही है। अमेरिकी कमोडिटी बाजार में चांदी के दाम नए उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। यूरोप और लंदन के बाजारों में भी चांदी मजबूत रुख के साथ कारोबार करती दिखी, जिससे घरेलू बाजार को भी सहारा मिला।
सोने में भी बनी मजबूती
चांदी के साथ-साथ सोने में भी तेजी का माहौल रहा। वायदा बाजार में सोना 1.40 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर बना रहा। जानकारों का मानना है कि वैश्विक अनिश्चितता और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के चलते सोने में भी आगे मजबूती बनी रह सकती है।
तेजी के पीछे क्या हैं वजहें
विशेषज्ञों के अनुसार चांदी की मांग सोलर ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और विद्युत वाहनों जैसे क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और ब्याज दरों को लेकर बनी उम्मीदों ने भी कीमती धातुओं को मजबूती दी है।