कुलदीप सेंगर की जमानत पर ब्रेक, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को रोका
कुलदीप सेंगर को नोटिस, एक सप्ताह में जवाब देने का आदेश
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उन्नाव दुष्कर्म मामले में कुलदीप सेंगर की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
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दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को सीबीआई ने दी थी चुनौती
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सर्वोच्च अदालत ने सेंगर को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
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अंतिम फैसले तक जेल में ही रहेंगे कुलदीप सेंगर
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली। 29 दिसंबर: उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराए गए पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए जमानत आदेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही यह साफ कर दिया गया है कि अगली सुनवाई और अंतिम निर्णय तक उनकी रिहाई नहीं होगी।
उच्च न्यायालय के फैसले पर उठा विवाद
हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित करते हुए उन्हें जमानत देने का आदेश पारित किया था। इस फैसले के सामने आते ही मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। पीड़िता पक्ष और सामाजिक संगठनों ने इस आदेश पर आपत्ति जताई और न्याय की मांग को लेकर विरोध दर्ज कराया।
सीबीआई की याचिका पर सुनवाई
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। एजेंसी ने दलील दी कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत दिया जाना उचित नहीं है। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।
नोटिस जारी, मांगा गया पक्ष
सर्वोच्च न्यायालय ने कुलदीप सिंह सेंगर को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ही जमानत पर आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।
वर्ष 2017 से चला आ रहा मामला
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में सामने आए उन्नाव दुष्कर्म प्रकरण में निचली अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यह मामला लंबे समय तक देशभर में चर्चा का विषय बना रहा और न्यायिक प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हुए।
आगे की राह
सर्वोच्च न्यायालय के ताज़ा आदेश के बाद यह स्पष्ट है कि कुलदीप सिंह सेंगर को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। अब सभी की निगाहें अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां अदालत दोनों पक्षों की दलीलों के आधार पर आगे की दिशा तय करेगी।