दिल्ली में आवारा कुत्तों की गणना का आदेश, शिक्षकों की ड्यूटी पर मचा बवाल
राजधानी में आवारा कुत्तों की संख्या तय करने के लिए शिक्षकों की तैनाती के निर्देश, शिक्षक संगठनों ने बताया शिक्षा व्यवस्था पर हमला
-
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों में शिक्षकों को गणना कार्य में लगाने के निर्देश दिए
-
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन का हवाला देकर आदेश जारी
-
शिक्षक संगठनों ने गैर-शैक्षणिक कार्य बताकर कड़ा विरोध जताया
-
आदेश वापस लेने की मांग, शिक्षा मंत्री को पत्र भेजने की तैयारी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली। 29 दिसंबर: दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या को देखते हुए उनकी संख्या का आकलन करने का फैसला किया है। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि स्कूलों से नोडल अधिकारी नियुक्त कर इस गणना अभियान में लगाया जाए। आदेश के अनुसार सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के शिक्षक इस कार्य में शामिल होंगे। उत्तर-पश्चिम जिले से ही लगभग 118 शिक्षकों को इस ड्यूटी में लगाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला
शिक्षा निदेशालय का कहना है कि यह कदम जन सुरक्षा और सुप्रीम कोर्ट के 7 नवंबर 2025 के आदेशों के पालन के तहत उठाया गया है। अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों के आसपास से आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें निर्धारित आश्रय स्थलों में भेजा जाए। इसके साथ ही कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण सुनिश्चित करना भी अनिवार्य बताया गया था। निदेशालय ने इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता की श्रेणी में रखा है।
शिक्षक संगठनों में नाराज़गी
आदेश सामने आते ही शिक्षक संगठनों में रोष फैल गया। सरकारी स्कूल शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षकों को लगातार गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाया जा रहा है, जिससे पढ़ाई पर सीधा असर पड़ता है। संघ के पदाधिकारियों का सवाल है कि अगर शिक्षक सड़कों पर गणना करेंगे तो बच्चों की पढ़ाई कौन संभालेगा। उनका तर्क है कि यह जिम्मेदारी पशुपालन या नगर निकाय से जुड़े विभागों को दी जानी चाहिए थी।
शिक्षकों की मजबूरी
कई शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आदेश सरकारी है, इसलिए उन्हें ड्यूटी निभानी पड़ेगी। हालांकि, उनका मानना है कि इससे स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित होगी और शिक्षकों की गरिमा को भी ठेस पहुंचेगी।
अन्य राज्यों में भी हुआ प्रयोग
दिल्ली अकेला ऐसा राज्य नहीं है जहाँ इस तरह की व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे पहले उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में भी आवारा कुत्तों की गणना और प्रबंधन के लिए इसी तरह के आदेश जारी किए जा चुके हैं। फिलहाल दिल्ली में शिक्षक संघ इस मुद्दे को लेकर शिक्षा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।