बांग्लादेश में भारत-विरोध भड़काता कट्टरपंथी इंकलाब मंच, रखीं 4 बड़ी मांगें
शेख हसीना की वापसी और उस्मान हादी की हत्या को लेकर इंकलाब मंच का उग्र रुख, भारतीयों के वर्क परमिट रद्द करने तक की मांग
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इंकलाब मंच ने उस्मान हादी की हत्या को लेकर 24 कार्यदिवस में गिरफ्तारी की मांग की
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बांग्लादेश में काम कर रहे सभी भारतीयों के वर्क परमिट रद्द करने की मांग
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शेख हसीना को प्रत्यर्पित न करने पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय जाने की चेतावनी
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खुफिया और पुलिस एजेंसियों पर भ्रामक बयान देने का आरोप, कार्रवाई की मांग
समग्र समाचार सेवा
ढाका, 29 दिसंबर: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद भारत-विरोधी और कट्टरपंथी संगठनों की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। आंतरिक अस्थिरता और राजनीतिक संक्रमण के दौर में ये संगठन लगातार भारत को निशाना बनाकर बयानबाज़ी कर रहे हैं। ऐसे ही एक कट्टरपंथी संगठन इंकलाब मंच ने भारत के खिलाफ उग्र रुख अपनाते हुए कई विवादित मांगें सामने रखी हैं।
उस्मान हादी की हत्या को लेकर उग्र तेवर
बांग्लादेश के प्रमुख अखबार प्रोथोम अलो के अनुसार, इंकलाब मंच के प्रवक्ता उस्मान हादी की हालिया हत्या के बाद संगठन ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन का कहना है कि हादी की हत्या से जुड़े मामले में जांच एजेंसियां परस्पर विरोधी बयान देकर जनता को भ्रमित कर रही हैं।
शेख हसीना की वापसी पर भारत को चेतावनी
इंकलाब मंच ने मांग की है कि यदि शेख हसीना को भारत बांग्लादेश को प्रत्यर्पित नहीं करता है, तो भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला दायर किया जाना चाहिए। संगठन का दावा है कि यह कदम बांग्लादेश की संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक है।
भारतीयों के वर्क परमिट रद्द करने की मांग
भारत-विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए इंकलाब मंच ने बांग्लादेश में काम कर रहे सभी भारतीय नागरिकों के वर्क परमिट रद्द करने की मांग भी रखी है। संगठन का कहना है कि इससे देश की स्वतंत्रता और आंतरिक सुरक्षा को मज़बूती मिलेगी। विश्लेषकों का मानना है कि यह मांग राजनीतिक से अधिक वैचारिक और भड़काऊ है।
खुफिया एजेंसियों पर भी निशाना
इंकलाब मंच ने बांग्लादेश की नागरिक, सैन्य और खुफिया एजेंसियों पर भी आरोप लगाए हैं। संगठन का कहना है कि अवामी लीग से जुड़े लोगों को सुरक्षा तंत्र में संरक्षण दिया जा रहा है। उसने मांग की है कि ऐसे सभी अधिकारियों की पहचान कर उन्हें बर्खास्त किया जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए।
अंतरिम सरकार पर सवाल
शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बनी मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि सरकार कट्टरपंथी तत्वों पर सख्ती करने में विफल रही है, जिससे भारत-विरोधी माहौल और ज़्यादा मुखर होता जा रहा है।
इंकलाब मंच की प्राथमिकता
प्रोथोम अलो के अनुसार, इंकलाब मंच के सदस्य सचिव ने स्पष्ट किया कि उनकी सबसे बड़ी मांग उस्मान हादी के हत्यारों को 24 कार्यदिवस के भीतर गिरफ्तार कर मुकदमा पूरा करना है। संगठन का कहना है कि शेष तीन मांगें भी अंतरिम सरकार के कार्यकाल में पूरी की जानी चाहिए।