ताजमहल प्रेम का प्रतीक नहीं, शाहजहां ने मंदिर को मकबरे में तब्दील कराया

मंत्री ने कहा कि बृजभूमि प्रेम की भूमि है, शाहजहां ने मंदिर को मकबरे में तब्दील कराया

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  • कैलाश विजयवर्गीय ने ताजमहल को प्रेम का प्रतीक नहीं माना।
  • उन्होंने कहा कि पहले यह मंदिर बनने वाला स्थल था, जिसे शाहजहां ने मकबरे में बदलवाया।
  • बृजभूमि को उन्होंने प्रेम की भूमि बताया।
  • भाजपा अध्यक्ष नवीन नितिन की विनम्रता की प्रशंसा की।

समग्र समाचार सेवा
बीना (मध्यप्रदेश), 26 दिसंबर:  मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ताजमहल को लेकर  बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ताजमहल को प्रेम का प्रतीक मानना सही नहीं है। मंत्री ने बताया कि जिस स्थान पर यह ऐतिहासिक स्मारक खड़ा है, वह पहले मंदिर बनने वाला स्थल था। उन्होंने बृजभूमि को प्रेम की भूमि बताते हुए कहा कि  शाहजहां ने जब इस भूमि के बारे पढ़ा और देखा तब बुरहानपुर में दफन मुमताज को जहाँ बनने वाले मंदिर की जगह ताजमहल का निर्माण कर मकबरा बनवाया।

क्रिकेट टूर्नामेंट के मंच से टिप्पणी

विजयवर्गीय ने यह बयान बुधवार को बीना विधानसभा क्षेत्र में राकेश सिरोठिया की स्मृति में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह के दौरान दिया। वह दोपहर के समय नगर से होते हुए मंच पर पहुँचे और उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “ताजमहल हमारे ही लोगों ने बनवाया था। शाहजहां ने इस भूमि को प्रेम की भूमि मानते हुए मकबरे में तब्दील कराया।”

भाजपा अध्यक्ष की विनम्रता की सराहना

मंत्री ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नवीन नितिन की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “जिम्मेदारी मिलने पर व्यक्ति विनम्र बनता है। जितना विनम्र आप होंगे, उतना बड़ा बनेंगे। नवीन हमारे सामने छोटे हैं, लेकिन सरल, सहज और विनम्र हैं।”

विवाद और प्रतिक्रियाएँ

विजयवर्गीय के बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक मंचों पर बहस शुरू हो गई। आलोचक इसे ऐतिहासिक तथ्यों से जुड़े विवादित दृष्टिकोण के रूप में देख रहे हैं, जबकि समर्थक इसे इतिहास के नए दृष्टिकोण की कोशिश मान रहे हैं।

 

 

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