सोशल मीडिया पोस्ट बनी वजह या धर्म? हुमायूं कबीर की पार्टी में टिकट को लेकर बवाल

जनता उन्नयन पार्टी में टिकट वापसी को लेकर बवाल, निशा चटर्जी ने लगाया धार्मिक भेदभाव का आरोप

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • बॉलीगंज सीट से घोषित उम्मीदवार निशा चटर्जी की उम्मीदवारी 24 घंटे में वापस
  • पार्टी प्रमुख हुमायूं कबीर ने सोशल मीडिया पोस्ट को बताया कारण
  • निशा चटर्जी बोलीं— हिंदू होने की वजह से काटा गया टिकट
  • निर्दलीय चुनाव लड़ने का संकेत

समग्र समाचार सेवा
मुर्शिदाबाद/कोलकाता | 24 दिसंबर: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी जैसी मस्जिद बनाने के बयान से चर्चा में रहे हुमायूं कबीर की नई राजनीतिक पार्टी जनता उन्नयन पार्टी के गठन के तुरंत बाद ही अंदरूनी कलह सामने आ गई है। पार्टी की घोषणा के महज़ एक दिन के भीतर ही उम्मीदवार के टिकट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया।

24 घंटे में वापस लिया गया निशा चटर्जी का टिकट

पार्टी ने दक्षिण कोलकाता की बॉलीगंज विधानसभा सीट से सोशल मीडिया पर चर्चित चेहरा निशा चटर्जी को उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि यह कहकर उनकी उम्मीदवारी वापस ले ली गई कि सोशल मीडिया पर मौजूद उनकी तस्वीरें और वीडियो पार्टी की छवि के अनुरूप नहीं हैं।

निशा चटर्जी का आरोप— धर्म के आधार पर भेदभाव

टिकट कटने के बाद निशा चटर्जी ने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उन्हें हिंदू होने की वजह से पार्टी से बाहर किया गया। निशा का दावा है कि यदि पार्टी वास्तव में धर्मनिरपेक्ष होती, तो उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता।

पहले समिति में लिया, फिर उम्मीदवार बनाया’

निशा चटर्जी ने बताया कि 22 दिसंबर को पार्टी के स्थापना दिवस पर उन्हें समिति का सदस्य बनाया गया, इसके बाद उम्मीदवार घोषित किया गया। लेकिन अचानक सोशल मीडिया पोस्ट को आधार बनाकर सार्वजनिक रूप से उनकी छवि खराब की गई।

सोशल मीडिया लोकप्रियता भी बनी चर्चा का विषय

निशा चटर्जी सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं। इंस्टाग्राम पर उनके करीब बहत्तर हज़ार अनुयायी हैं। टिकट की घोषणा के बाद उनके पुराने पोस्ट तेजी से वायरल हुए, जिसके बाद पार्टी की ओर से आपत्ति जताई गई।

हुमायूं कबीर की सफाई

टिकट वापसी पर हुमायूं कबीर ने कहा कि निशा की कुछ तस्वीरें और वीडियो देखने के बाद उन्हें लगा कि वह पार्टी की उम्मीदवार नहीं होनी चाहिएं। उनका कहना है कि इससे जनता में गलत संदेश जा सकता है और पार्टी प्रमुख होने के नाते उन्हें यह निर्णय लेने का अधिकार है।

निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत

पूरे घटनाक्रम से नाराज़ निशा चटर्जी ने संकेत दिए हैं कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतर सकती हैं।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.