वृंदावन में बाहरी वाहनों की एंट्री पर , 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक रोक
नववर्ष और क्रिसमस पर उमड़ने वाली भीड़ के चलते प्रशासन ने सख्त यातायात योजना की लागू
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25 दिसंबर से 5 जनवरी तक बाहरी जिलों के वाहनों को वृंदावन में प्रवेश नहीं मिलेगा
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नगर सीमा के बाहर अलग-अलग मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था की
गई है
25 दिसंबर और 1 जनवरी को ई-रिक्शा संचालन पूरी तरह बंद रहेगा
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भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिसकर्मियों की छुट्टियाँ रद्द, पीएसी तैनात
समग्र समाचार सेवा
वृंदावन | 22 दिसंबर: क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए वृंदावन में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन द्वारा जारी यातायात योजना के अनुसार 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक दूसरे जिलों से आने वाले किसी भी वाहन को नगर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
क्यों लिया गया फैसला
हर साल इस अवधि में देशभर से लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुँचते हैं। इससे नगर की संकरी सड़कों पर जाम की स्थिति बन जाती है और दर्शन व्यवस्था भी प्रभावित होती है। इसी समस्या से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने यह सख्त कदम उठाया है।
कहाँ रोके जाएँगे वाहन
यातायात प्लान के तहत विभिन्न मार्गों से आने वाले वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थल तय किए गए हैं। छटीकरा मार्ग से आने वाले वाहनों को रुक्मिणी विहार पार्किंग में रोका जाएगा। मथुरा की ओर से आने वाले वाहन पागल बाबा मंदिर के समीप स्थित पार्किंग में खड़े कराए जाएँगे।
यमुना एक्सप्रेस-वे से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन पानीगाँव और दारुक पार्किंग में, जबकि आगरा-दिल्ली हाईवे से सुनरख मार्ग होकर आने वाले वाहनों को छह शिखर मंदिर की पार्किंग में रोका जाएगा। सभी प्रवेश मार्गों पर बैरियर लगाकर पुलिस बल और पीएसी के जवान तैनात किए जाएँगे।
ई-रिक्शा पर भी नियंत्रण
भीड़ को देखते हुए नगर में केवल पंजीकृत ई-रिक्शाओं को ही चलने की अनुमति दी गई है। प्रशासन ने विशेष रूप से 25 दिसंबर और 1 जनवरी को पूरे नगर क्षेत्र में ई-रिक्शा संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
पुलिस प्रशासन ने इस दौरान किसी भी तरह की लापरवाही से बचने के लिए 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक पुलिसकर्मियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी हैं। सीओ सदर संदीप सिंह के अनुसार, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुचारु यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।