नेत्रहीन छात्रों के कथित धर्मांतरण का आरोप, हिन्दू संगठनों का हंगामा
हवाबाग कॉलेज के पीछे ईसाई संगठन द्वारा बच्चों को भोजन और प्रार्थना के लिए बुलाए जाने पर विवाद, मौके पर पुलिस और भाजपा नेता पहुंचे।
-
क्रिसमस के अवसर पर नेत्रहीन छात्रों को भोजन और प्रार्थना के लिए बुलाने का आरोप।
-
हिन्दू रक्षा दल के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और बच्चों को सुरक्षित बाहर लाया।
-
भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने घटना की निंदा करते हुए इसे बच्चों के लिए खतरनाक बताया।
-
हिन्दू संगठनों का दावा है कि पहले भी इस तरह की गतिविधियों को लेकर चेतावनी दी जा चुकी है।
समग्र समाचार सेवा
जबलपुर, मध्य प्रदेश | 20 दिसंबर: जबलपुर के हवाबाग कॉलेज के पीछे स्थित छात्रावास में नेत्रहीन छात्रों के कथित धर्मांतरण को लेकर शनिवार सुबह तनावपूर्ण स्थिति बन गई। जानकारी के अनुसार, क्रिसमस के अवसर पर स्थानीय ईसाई संगठन ने अंधमूक चौराहा क्षेत्र स्थित छात्रावास से बच्चों को भोजन और प्रार्थना के लिए आमंत्रित किया था।
सूत्रों के मुताबिक, जब छात्र और छात्राएं वहां पहुंचे तो भोजन से पहले मसीही समाज की प्रार्थना कराई जा रही थी। इसी दौरान हिन्दू रक्षा दल के पदाधिकारी विकास कुमार खरे समेत अन्य कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। हिन्दू संगठनों ने आरोप लगाया कि भोजन और प्रार्थना सभाओं की आड़ में बच्चों और कमजोर वर्गों का धर्मांतरण कराया जाता है। संगठनों का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां बच्चों की धार्मिक स्वतंत्रता और मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
भाजपा के स्थानीय नेता भी घटनास्थल पर पहुंचे और कहा कि संबंधित भवन पहले भी संदिग्ध गतिविधियों का केंद्र रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अज्ञात संगठनों द्वारा बच्चों को बहकाकर धर्मांतरण कराने की कोशिश गंभीर अपराध है, जिस पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
हिन्दू संगठनों का दावा है कि शहर में पहले भी इसी तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां भोजन या सहायता के नाम पर बच्चों और कमजोर वर्गों को धार्मिक आयोजनों में बुलाया गया।
संगठनों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि ऐसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और कानून के तहत कार्रवाई हो।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों और शिक्षार्थियों को धार्मिक बहकावे से दूर रखना जरूरी है, ताकि समाज में सौहार्द बना रहे और उनकी शिक्षा व मानसिक विकास प्रभावित न हो।