इंडिगो की उड़ान गड़बड़ियों पर डीजीसीए सख्त

उड़ानों में अव्यवस्था के बाद 10% शेड्यूल कटौती, 900 करोड़ की ड्यूटी वापसी याचिका पर हाईकोर्ट का नोटिस

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • DGCA की चार सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के बाद इंडिगो पर सुधारात्मक कार्रवाई तय।
  • उड़ान संकट के बाद इंडिगो के शीतकालीन शेड्यूल में 10% कटौती।
  • इंडिगो ने भविष्य की रणनीति में परिचालन सुधार पर फोकस की बात कही।
  • 900 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी वापसी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 19 दिसंबर: इंडिगो उड़ान गड़बड़ियों पर DGCA कार्रवाई की तैयारी तेज हो गई है। हाल ही में देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में बड़े पैमाने पर उड़ानों के बाधित होने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्त रुख अपनाया है। DGCA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चार सदस्यीय पैनल की रिपोर्ट मिलते ही एयरलाइन के खिलाफ विस्तृत और सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

इस महीने की शुरुआत में सामने आई परिचालन समस्याओं के बाद DGCA ने इंडिगो के शीतकालीन उड़ान शेड्यूल में 10 प्रतिशत की कटौती कर दी थी। संकट से पहले इंडिगो रोजाना करीब 2,300 उड़ानों का संचालन कर रही थी। अधिकारी के मुताबिक, इस कार्रवाई का उद्देश्य भविष्य में तकनीकी और परिचालन स्तर पर ऐसी गड़बड़ियों की पुनरावृत्ति रोकना है।

DGCA ने यह भी स्पष्ट किया कि कोहरे के मौसम और छुट्टियों के सीजन को देखते हुए सभी एयरलाइंस को अतिरिक्त जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा, ताकि यात्रियों को असुविधा का सामना न करना पड़े। विभाग अन्य एयरलाइंस के शेड्यूल अनुपालन की भी निगरानी कर रहा है।

वहीं इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा कि कंपनी अब हालात सुधारने पर पूरी तरह केंद्रित है। उन्होंने बताया कि एयरलाइन तीन प्रमुख स्तंभों—लचीलापन, मूल कारण विश्लेषण और पुनर्निर्माण—पर काम कर रही है, ताकि उड़ानों में बाधा डालने वाले कारणों को स्थायी रूप से खत्म किया जा सके।

इसी बीच इंडिगो एयरलाइन से जुड़ा एक और बड़ा मामला सामने आया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इंटरग्लोब एविएशन की 900 करोड़ रुपये से अधिक की कस्टम ड्यूटी वापसी याचिका पर कस्टम विभाग को नोटिस जारी किया है। कंपनी ने विदेश में मरम्मत के बाद लौटे विमान इंजनों और उनके पुर्जों पर लगाई गई ड्यूटी को असंवैधानिक बताया है।

कंपनी का तर्क है कि मरम्मत एक सेवा है, जिस पर वह पहले ही जीएसटी चुका चुकी है और दोबारा कस्टम ड्यूटी लगाना एक ही लेनदेन पर दोहरा कर है। वहीं कस्टम विभाग ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। हाईकोर्ट ने विभाग को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.