पुलित्जर पुरस्कार विजेता युद्ध पत्रकार पीटर अर्नेट का 91 वर्ष की उम्र निधन
वियतनाम युद्ध से लेकर खाड़ी युद्ध तक प्रत्यक्ष रिपोर्टिंग करने वाले दिग्गज पत्रकार पीटर अर्नेट का कैलिफोर्निया में निधन
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पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार पीटर अर्नेट का 91 वर्ष की आयु में निधन
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वियतनाम युद्ध की रिपोर्टिंग के लिए 1966 में मिला था पुलित्जर पुरस्कार
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1991 के पहले खाड़ी युद्ध में सीएनएन के लिए इराक से की थी ऐतिहासिक लाइव रिपोर्टिंग
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प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे, परिवार और दोस्तों के बीच ली अंतिम सांस
समग्र समाचार सेवा
लॉस एंजिलिस | 18 दिसंबर: पुलित्जर पुरस्कार विजेता युद्ध पत्रकार पीटर अर्नेट का 91 वर्ष की उम्र निधन हो गया। यह अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता जगत के लिए एक युग के अंत के समान माना जा रहा है। वियतनाम के धान के खेतों से लेकर इराक के रेगिस्तानों तक युद्धों की प्रत्यक्ष रिपोर्टिंग दुनिया तक पहुंचाने वाले पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार पीटर अर्नेट ने बुधवार को कैलिफोर्निया के न्यूपोर्ट बीच स्थित अस्पताल में अंतिम सांस ली।
उनके बेटे एंड्रयू अर्नेट ने बताया कि पीटर अर्नेट लंबे समय से प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे और अंतिम समय में परिवार व करीबी दोस्तों से घिरे हुए थे। उनके निधन की खबर के बाद वैश्विक मीडिया जगत में शोक की लहर फैल गई है।
पीटर अर्नेट को 1966 में एसोसिएटेड प्रेस के लिए वियतनाम युद्ध की रिपोर्टिंग करने पर अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग का पुलित्जर पुरस्कार मिला था। वह 1962 से 1975 तक वियतनाम में तैनात रहे और युद्ध समाप्त होने तक लगातार मोर्चे से रिपोर्टिंग करते रहे। इस दौरान उन्होंने गोलियों और बमों के बीच रहकर युद्ध की वास्तविक तस्वीर दुनिया के सामने रखी।
1991 में पहले खाड़ी युद्ध के दौरान सीएनएन के लिए बगदाद से लाइव रिपोर्टिंग कर पीटर अर्नेट वैश्विक स्तर पर पहचाने जाने लगे। अमेरिकी नेतृत्व वाले हमले से पहले जब अधिकांश पश्चिमी पत्रकार इराक छोड़ चुके थे, तब अर्नेट वहीं रुके रहे और मिसाइल हमलों के बीच होटल से फोन के जरिए लाइव रिपोर्टिंग की।
1981 में उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस छोड़कर सीएनएन ज्वाइन किया। इस दौरान उन्होंने इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन और ओसामा बिन लादेन के इंटरव्यू भी किए। 1999 में सीएनएन से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनलों में काम किया और 2007 में चीन के शान्तोउ विश्वविद्यालय में पत्रकारिता पढ़ाई।
पीटर अर्नेट का निधन पत्रकारिता के उस दौर की समाप्ति है, जहां साहस, निष्पक्षता और जमीन से जुड़ी रिपोर्टिंग सर्वोपरि थी। उनकी रिपोर्टिंग आने वाली पीढ़ियों के पत्रकारों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।