सेना को मिला ‘उड़ता टैंक: अपाचे हेलिकॉप्टरों का आखिरी बैच भारत पहुंचा

पश्चिमी सीमा पर बढ़ेगी मारक क्षमता, भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को मिला बड़ा बल

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  • एएच-64ई अपाचे हेलिकॉप्टरों की अंतिम खेप भारतीय सेना को मिली
  • पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर होगी तैनाती
  • हथियार, सेंसर और ऑल-वेदर क्षमता से लैस
  • भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग की बड़ी उपलब्धि

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 18 दिसंबर: भारतीय सेना की मारक और आक्रामक क्षमता में बड़ा इजाफा हुआ है। एएच-64ई अपाचे अटैक हेलिकॉप्टरों का आखिरी बैच भारत पहुंच गया है। “आसमान में उड़ता टैंक” कहे जाने वाले ये अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर जल्द ही पाकिस्तान से सटी देश की पश्चिमी सीमा पर तैनात किए जाएंगे। इससे सीमा सुरक्षा और युद्ध क्षमता दोनों को नई मजबूती मिलने जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, सोमवार शाम ये अपाचे हेलिकॉप्टर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर अलग-अलग पुर्जों के रूप में पहुंचे। फिलहाल इनका संयुक्त प्राप्ति निरीक्षण (जेआरआई ) किया जा रहा है। इसके बाद सभी हिस्सों को जोड़कर इन्हें औपचारिक रूप से भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा।

अमेरिका में बने, भारत की सुरक्षा के लिए
एएच-64ई अपाचे हेलिकॉप्टरों का निर्माण अमेरिका के एरिजोना स्थित मेसा में किया गया है। ये हेलिकॉप्टर अमेरिका, भारत समेत कई देशों की सेनाओं में सेवा दे रहे हैं। भारतीय सेना के अपाचे हेलिकॉप्टर राजस्थान के जोधपुर स्थित 451 आर्मी एविएशन स्क्वॉड्रन में तैनात रहेंगे। भारत और अमेरिका के बीच वर्ष 2020 में हुए 60 करोड़ डॉलर के रक्षा सौदे के तहत सेना को कुल छह अपाचे हेलिकॉप्टर मिलने थे। तकनीकी कारणों से इसमें देरी हुई, लेकिन अब अंतिम खेप के पहुंचने के साथ यह सौदा पूरा हो गया है।

क्यों खास है अपाचे हेलिकॉप्टर?
अपाचे हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे उन्नत मल्टी-रोल कॉम्बैट हेलिकॉप्टरों में गिने जाते हैं।
इनमें:

  • एजीएम-114 हेलफायर मिसाइलें
  • हाइड्रा-70 रॉकेट
  • 30 मिमी चेन गन

लगी होती हैं, जो दुश्मन के टैंक, बंकर और बख्तरबंद वाहनों को सटीकता से नष्ट कर सकती हैं। पायलट के हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले की मदद से प्रति मिनट 625 राउंड तक अत्यंत सटीक फायरिंग संभव है।

खराब मौसम और पहाड़ों में भी घातक
अपाचे हेलिकॉप्टर खराब मौसम में भी कुछ ही सेकंड में 100 से अधिक लक्ष्यों की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता के अनुसार नष्ट करने में सक्षम है। इसकी उन्नत सेंसर प्रणाली, नाइट-फाइटिंग क्षमता और मजबूत ढांचा इसे पहाड़ी और उच्च जोखिम वाले युद्ध क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाते हैं।कम ऊंचाई पर उड़ते हुए सटीक हमला करने की क्षमता के कारण यह पर्वतीय युद्ध में बेहद प्रभावी साबित होता है और जमीनी सैनिकों को सीधी सहायता देता है।

भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी की मजबूती
अपाचे हेलिकॉप्टरों की अंतिम खेप के भारत पहुंचने पर अमेरिकी दूतावास ने इसका स्वागत किया। दूतावास ने कहा कि यह डिलीवरी भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के तहत किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में अहम कदम है। यह उपलब्धि दोनों देशों के बीच सह-उत्पादन, प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग को और मजबूत करती है।

यह है अपाचे की ख़ासियत

  • दिन और रात दोनों में शत्रु को मार गिराने की क्षमता
  • 21000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकेगा
  • 280 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार
  • 16 एंटी टैंक एजीएम, 114 हेलफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल से लैस
  • 30 मिमी की दो गन, एक बार में 1200 गोलियां भरी जा सकती हैं
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