कांग्रेस नेता ने सेना पर दिया विवादित बयान, माफी से किया इंकार
कहा कि सवाल पूछना लोकतंत्र का अधिकार है, उनका बयान देश या सेना के खिलाफ नहीं था
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने माफी मांगने से साफ इंकार किया
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उनका बयान ऑपरेशन सिंदूर पर था और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है
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चव्हाण ने कहा कि सवाल पूछना देशद्रोह नहीं है, लोकतंत्र मजबूत करने के लिए जरूरी है
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उन्होंने 12 लाख सैनिकों की जरूरत और सेना की हालिया कार्रवाई पर भी सवाल उठाए
समग्र समाचार सेवा
पुणे | 17 दिसंबर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अपने बयान को लेकर माफी मांगने से साफ-साफ इंकार कर दिया है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैं माफी क्यों मांगूं? यह बिल्कुल संभव नहीं है। चव्हाण ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि संविधान उन्हें सवाल पूछने का अधिकार देता है और किसी भी लोकतंत्र में सरकार से सवाल करना विपक्ष का काम होता है। उन्होंने कहा, मेरा बयान देश या सेना के खिलाफ नहीं था, बल्कि सरकार की नीतियों और फैसलों पर सवाल उठाने के लिए था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि देश से जुड़े मुद्दों पर चर्चा और सवाल करना लोकतंत्र को मजबूत करता है। उन्होंने स्पष्ट किया, सवाल पूछना देशद्रोह नहीं है। मैं अपनी बात पर कायम हूं और दबाव में आकर माफी नहीं मांगूंगा।
चव्हाण का बयान क्या था
बयान विवाद तब शुरू हुआ जब चव्हाण ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन हम पूरी तरह हार गए थे। उन्होंने बताया कि 7 तारीख को हुए आधे घंटे की हवाई लड़ाई में भारतीय विमानों को मार गिराया गया और वायुसेना जमीन पर ही थी। चव्हाण ने कहा, “अगर ग्वालियर, बठिंडा या सिरसा से कोई विमान उड़ता, तो पाकिस्तान की ओर से उसे मार गिराए जाने की बहुत ज्यादा संभावना थी।”
साथ ही उन्होंने सेना की हालिया गतिविधियों पर भी सवाल उठाया। चव्हाण ने कहा, “हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना की एक किलोमीटर भी मूवमेंट नहीं हुई। दो-तीन दिनों में जो कुछ हुआ, वह सिर्फ हवाई युद्ध और मिसाइल युद्ध था। भविष्य में भी युद्ध इसी तरह लड़े जाएंगे। ऐसी स्थिति में, क्या हमें सच में 12 लाख सैनिकों की सेना रखने की जरूरत है, या उनसे कोई और काम लिया जा सकता है?”
चव्हाण का यह बयान देशभर में सियासी चर्चा का विषय बन गया है और विभिन्न पार्टियों ने इस पर अलग-अलग रुख अपनाया है।