लश्कर का आतंकी था पहलगाम हमले का मास्टर माइंड

1597 पन्नों की चार्जशीट में साजिद जट्ट समेत 7 आरोपी, LeT/TRF नामजद

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  • पहलगाम आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की हुई थी मौत
  • पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा और TRF पर साजिश रचने का आरोप
  • ‘ऑपरेशन महादेव’ में मारे गए तीन पाकिस्तानी आतंकी भी आरोपी
  • दो स्थानीय लोगों पर आतंकियों को पनाह और मदद देने का आरोप

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 16 दिसंबर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पहलगाम आतंकी हमले की चार्जशीट दाखिल कर बड़ा खुलासा किया है। NIA की जांच में सामने आया है कि इस हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा था, जिसने अपने फ्रंट संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट के जरिए पूरी साजिश रची।

सोमवार को NIA ने इस मामले में कुल सात आरोपियों के खिलाफ 1597 पन्नों की चार्जशीट जम्मू स्थित विशेष अदालत में दाखिल की। एजेंसी ने लश्कर-ए-तैयबा और TRF को इस केस में कानूनी इकाई के रूप में आरोपी बनाया है। जांच के अनुसार, इसी नेटवर्क ने पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की योजना बनाई और आतंकियों को निर्देश दिए।

चार्जशीट के मुताबिक, इस हमले में धर्म के आधार पर चुन-चुन कर की गई हत्याओं में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की जान गई थी। यह हमला जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों के सबसे गंभीर आतंकी हमलों में शामिल है।

चार्जशीट में पाकिस्तान में बैठे आतंकी हैंडलर साजिद जट्ट का नाम भी शामिल है, जिस पर हमले की साजिश रचने और आतंकियों को मार्गदर्शन देने का आरोप है। इसके साथ ही NIA ने उन तीन पाकिस्तानी आतंकियों को भी आरोपी बनाया है, जिन्हें जुलाई 2025 में श्रीनगर के डाचीगाम इलाके में सुरक्षा बलों ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान मार गिराया था। इन आतंकियों की पहचान फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी के रूप में हुई है।

NIA ने इस केस में परवेज अहमद और बशीर अहमद जोथद नाम के दो स्थानीय आरोपियों को भी चार्जशीट किया है। दोनों को 22 जून 2025 को आतंकियों को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान उन्होंने हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकियों की पहचान बताई और यह पुष्टि की कि वे पाकिस्तानी नागरिक थे और प्रतिबंधित लश्कर संगठन से जुड़े थे।

एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023, आर्म्स एक्ट 1959, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़ी धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। NIA ने कहा है कि करीब आठ महीने तक चली गहन और वैज्ञानिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि इस हमले की साजिश पूरी तरह पाकिस्तान में रची गई थी। मामले की आगे की जांच अभी जारी है।

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