सोने-चाँदी की कीमतों पर संसद में सरकार ने दिया जवाब
भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक अनिश्चितता से बढ़ी सुरक्षित निवेश की माँग , कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर और मुद्रा दर से प्रभावित
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क़ीमत बढ़ने के पीछे की वजह बताई, सोना भी हाई लेवल पर पहुँचा
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वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में कहा कि अंतरराष्ट्रीय कीमतें और डॉलर-रुपया विनिमय दर कीमतों को प्रभावित करती हैं
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हालिया उछाल के पीछे भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक अनिश्चितता के कारण सुरक्षित निवेश की बढ़ती माँग है
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सरकार मूल्य निर्धारण में शामिल नहीं, सोना और चांदी निवेश और उपभोग दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 16 दिसंबर: पिछले कुछ महीनों में सोना और चाँदी की कीमतों में तेज़ उछाल देखा गया है। शुक्रवार को चाँदी ने पहली बार 2 लाख रुपये का आंकड़ा पार किया, जबकि सोने की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गईं। इस बढ़ती कीमतों पर सरकार ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया दी।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि सोने और चाँदी की घरेलू कीमतें मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर और करों/शुल्कों से निर्धारित होती हैं। उन्होंने कहा कि हालिया उछाल भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक विकास को लेकर अनिश्चितता के कारण सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग से जुड़ा है।
चौधरी ने यह भी बताया कि सोना और चाँदी न केवल उपभोग की वस्तुएँ हैं, बल्कि निवेश का भी साधन हैं। उनके अनुसार, निवेशकों और केंद्रीय बैंकों द्वारा इन धातुओं की खरीद से भी कीमतों में बढ़त हुई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा भंडार का मूल्य बढ़ने से घरेलू संपत्ति पर सकारात्मक असर पड़ता है, लेकिन कीमतों का निर्धारण बाजार तय करता है, सरकार इसमें शामिल नहीं होती।
मंत्री ने चालू वित्त वर्ष में सोने और चाँदी के आयात का भी विवरण दिया। भारत ने सितंबर तक 26.51 अरब अमेरिकी डॉलर का सोना और 3.21 अरब अमेरिकी डॉलर की चांदी आयात की। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों और जनसंख्या समूहों पर इस बढ़ोतरी का अलग-अलग असर पड़ सकता है।
सरकार ने यह स्पष्ट किया कि हालिया उछाल केवल घरेलू नीति का परिणाम नहीं है, बल्कि वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों का असर है। इस बढ़ोतरी के बावजूद सोना और चांदी निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प बने हुए हैं।