दिल्ली में बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा तेल

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए कड़े कदम

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • बिना PUC के अब दिल्ली में पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा, BS6 से कम वाहनों पर प्रतिबंध।
  • निर्माण सामग्री जैसे बदरपुर और रेता लाने पर पूर्ण प्रतिबंध, उल्लंघन पर भारी जुर्माना।
  • डीजल जनरेटर, उद्योगों और हॉटस्पॉट पर कड़ी निगरानी व कार्रवाई जारी।
  • 202 एकड़ कूड़े के पहाड़ों में से 45 एकड़ पुनः प्राप्त कर वनीकरण, 8000 उद्योगों पर 9.21 करोड़ रुपये जुर्माना।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 16 दिसंबर: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कई कड़े कदम उठाए हैं। अब दिल्ली में बिना PUC पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा और BS6 से कम इंजन वाले वाहनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि वाहनों को केवल वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUC) के साथ ही ईंधन मिलेगा, और दिल्ली के बाहर से आने वाले BS6 से कम वाहन प्रतिबंधित कर जब्त किए जाएंगे।

सिरसा ने बताया कि प्रदूषण मुक्त दिल्ली के लिए निर्माण सामग्री जैसे बदरपुर और रेता लाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध है। उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, डीजल जनरेटर पर सख्त कार्रवाई, बैंक्वेट हॉलों में डीजी नियमों का पालन, उद्योगों की निगरानी, इलेक्ट्रिक वाहन बेड़े का विस्तार और प्रदूषण हॉटस्पॉट पर नियंत्रण जैसी कई योजनाएं लागू की गई हैं।

मंत्री ने कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 363 है, जो एक दशक से इसी स्तर पर बना हुआ है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) पर 10 साल तक कथित निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि अब वही पार्टी उसी मुद्दे पर विरोध कर रही है, जिसके लिए वे जिम्मेदार हैं।

सरसा ने दावा किया कि सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इसमें 202 एकड़ के कूड़े के पहाड़ों में से 45 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त कर वनीकरण करना शामिल है। औद्योगिक क्षेत्रों में 100% अनुपालन सुनिश्चित किया गया, और 8000 उद्योगों पर 9.21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। लकड़ी जलाने पर रोक लगाने के लिए 10,000 इलेक्ट्रिक हीटर वितरित किए गए।

इसके साथ ही बायो-माइनिंग क्षमता को 20,000 से बढ़ाकर 35,000 मेट्रिक टन प्रतिदिन किया गया है। इसका लक्ष्य 2026 तक कूड़े के पहाड़ों को पूरी तरह समाप्त करना है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि ये कदम दिल्ली की हवा को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद करेंगे।

सिरसा ने जोर देकर कहा कि प्रदूषण नियंत्रण में नियमों का सख्ती से पालन, निगरानी और जनता की भागीदारी आवश्यक है। सरकार के ये कदम न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जरूरी हैं, बल्कि यह दिल्ली को दीर्घकालिक रूप से साफ और सुरक्षित बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.