महिलाएँ सिर्फ पतियों के साथ सोने के लिए होती हैं- बोले सईद अली मजीद

मलप्पुरम में पंचायत सीट 47 वोटों से जीतने वाले सईद अली मजीद के बयान पर IUML और विमेंस लीग ने जताया कड़ा विरोध

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  • मलप्पुरम पंचायत सीट पर 47 वोटों से जीतने वाले नेता का बयान विवादों में
  • महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी का वीडियो वायरल
  • IUML और विमेंस लीग ने बयान को बताया अस्वीकार्य
  • CPM नेतृत्व से कार्रवाई की मांग तेज

समग्र समाचार सेवा
मलप्पुरम | केरल,16 दिसंबर: केरल में हाल ही में संपन्न हुए निकाय चुनावों के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के नेता सईद अली मजीद का महिलाओं को लेकर दिया गया बयान गंभीर विवाद का कारण बन गया है। मलप्पुरम जिले की एक पंचायत सीट पर मात्र 47 वोटों के अंतर से जीत हासिल करने वाले मजीद ने जीत के जश्न के दौरान समर्थकों को संबोधित करते हुए महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की।

अपने भाषण में सईद अली मजीद ने कहा कि शादी करके लाई गई महिलाओं को राजनीति के लिए आगे नहीं लाया जाना चाहिए। उन्होंने महिलाओं की भूमिका को केवल निजी जीवन तक सीमित बताते हुए बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। बयान का वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

IUML और विमेंस लीग पर निशाना

अपने संबोधन में मजीद ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) की महिला इकाई, विमेंस लीग की अध्यक्ष के एक वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीति में आने वालों को आलोचना सुनने की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में वही लोग आएं, जो सार्वजनिक बहस और टिप्पणियों का सामना कर सकें, अन्यथा उन्हें घरेलू दायरे तक सीमित रहना चाहिए।

विरोध और राजनीतिक प्रतिक्रिया

मजीद के बयान के बाद IUML और विमेंस लीग से जुड़े नेताओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। नेताओं का कहना है कि इस तरह की भाषा न केवल महिलाओं का अपमान है, बल्कि राजनीति में उनकी भागीदारी को हतोत्साहित करने वाली भी है।

विमेंस लीग नेताओं ने आरोप लगाया कि इस तरह के बयान लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं और महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से बाहर रखने की सोच को दर्शाते हैं। उन्होंने CPM नेतृत्व से इस मामले में स्पष्ट और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

CPM से इस्तीफा, निर्दलीय चुनाव

गौरतलब है कि सईद अली मजीद ने यह चुनाव CPM के स्थानीय सचिव पद से इस्तीफा देने के बाद लड़ा था। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरकर पंचायत सीट पर जीत दर्ज की। हालांकि, उनके हालिया बयान ने उनकी जीत पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

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