बीएमसी चुनाव: शरद पवार और ठाकरे बंधुओं का कांग्रेस से किनारा

चुनाव से पहले सियासी उलटफेर तेज, महाविकास अघाड़ी बिखरती नजर आई, मुंबई में नए गठबंधन की तैयारी

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • बीएमसी चुनाव से पहले शिवसेना (ठाकरे गुट), एनसीपी (शरद गुट) और एमएनएस के बीच गठबंधन लगभग तय
  • कांग्रेस इस गठबंधन से बाहर, अकेले चुनाव लड़ने की मजबूरी
  • उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम दौर में
  • सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ वार्डों में सहयोगी दलों के बीच खींचतान संभव।

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 16 दिसंबर: मुंबई महानगरपालिका (BMC) के आगामी चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल होता दिख रहा है। राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनावों में साथ नजर आई महाविकास अघाड़ी (MVA) अब बिखरती हुई दिखाई दे रही है। बीएमसी चुनाव में कांग्रेस पार्टी इस गठबंधन से बाहर होती नजर आ रही है, जबकि शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के बीच नया राजनीतिक समीकरण बनता दिख रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीएमसी चुनाव की घोषणा के साथ ही शिवसेना (ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी है। सूत्रों का दावा है कि ठाकरे बंधुओं का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है और सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला भी अंतिम चरण में है। इस संभावित गठबंधन में एनसीपी का शरद पवार गुट भी शामिल रहेगा, जबकि कांग्रेस को इससे दूर रखा गया है।

गठबंधन में कौन-कौन शामिल

मौजूदा हालात को देखते हुए शिवसेना (ठाकरे गुट), एमएनएस और एनसीपी (शरद पवार गुट) मिलकर मुंबई नगर निगम का चुनाव लड़ सकते हैं। साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि वामपंथी दलों को भी इस गठबंधन में शामिल किया जा सकता है। हालांकि कांग्रेस पार्टी या तो खुद इस गठबंधन से अलग हो गई है या फिर उसे दरकिनार कर दिया गया है। ऐसे में कांग्रेस के बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने की संभावना प्रबल मानी जा रही है।

सीट बंटवारे पर क्या है तस्वीर

ठाकरे गुट के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, प्रारंभिक चर्चा में शिवसेना (उद्धव गुट) करीब 120 से 125 वार्डों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। वहीं, 75 से 80 वार्ड एमएनएस को और 20 से 27 वार्ड एनसीपी (शरद पवार गुट) को दिए जाने की संभावना है। हालांकि, अंतिम फैसला अभी होना बाकी है।

फरवरी 2017 में हुए बीएमसी चुनावों में शिवसेना के 84 पार्षद चुने गए थे। ठाकरे गुट इस बार अपने पुराने गढ़ को बरकरार रखते हुए 36 से 40 नए वार्डों पर भी दावा ठोक रहा है। पार्टी कम से कम 120 से 125 सीटों पर चुनाव लड़ने के अपने रुख पर कायम है।

एमएनएस को लेकर संभावित तकरार

सूत्रों के मुताबिक, एमएनएस को 75 से 80 वार्ड मिलने की संभावना है, लेकिन पार्टी उन वार्डों पर भी दावा कर सकती है, जहां 2017 में शिवसेना के पार्षद चुने गए थे। इनमें माहिम, सेवरी, वर्ली, भांडुप और विक्रोली विधानसभा क्षेत्रों के वार्ड शामिल हैं। ऐसे में इन इलाकों में सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन सहयोगियों के बीच तकरार की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि, चुनाव साथ मिलकर लड़ने का फैसला हो चुका है, इसलिए ठाकरे गुट को कुछ वार्ड छोड़ने पड़ सकते हैं।

एनसीपी (शरद गुट) की स्थिति

एनसीपी में हुई टूट के बाद मुंबई में शरद पवार गुट का प्रभाव पहले जैसा नहीं रहा है। इसके बावजूद गठबंधन में शामिल होने के चलते एनसीपी को 20 से 27 वार्ड दिए जा सकते हैं। 2017 के बीएमसी चुनाव में एनसीपी के 9 पार्षद चुने गए थे। इसके अलावा पार्टी घाटकोपर, कुर्ला, चुनाभट्टी, मलाड, भांडुप, कंजूरमार्ग, अनुशक्ति नगर और बायकुला जैसे इलाकों में 10 से 15 अतिरिक्त वार्डों पर दावा कर रही है, जहां उसका संगठनात्मक आधार मजबूत माना जाता है।

कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें

इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि बीएमसी चुनाव में कांग्रेस की राह मुश्किल होती जा रही है। महाविकास अघाड़ी के भीतर अलग-थलग पड़ती कांग्रेस के सामने अब अकेले दम पर मुंबई की सियासी जंग लड़ने की चुनौती होगी। वहीं, ठाकरे बंधुओं और शरद पवार गुट के संभावित गठबंधन ने बीएमसी चुनाव को और भी दिलचस्प बना दिया है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.