उमर अब्दुल्ला ने ‘वोट चोरी’ को कांग्रेस का स्वतंत्र मुद्दा बताया
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस के आरोपों से बनाई दूरी, विपक्षी रणनीति पर उभरा मतभेद
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वोट चोरी पर कांग्रेस अकेली, इंडिया गठबंधन से दूरी: उमर अब्दुल्ला
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कहा— ‘इंडिया’ गठबंधन ने इस एजेंडे को साझा रूप से नहीं अपनाया
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राहुल गांधी की अगुवाई में दिल्ली में हुई थी बड़ी रैली
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कांग्रेस का दावा— वोट चोरी के खिलाफ जुटाए 6 करोड़ हस्ताक्षर
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 15 दिसंबर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने साफ शब्दों में कहा है कि वोट चोरी मुद्दा उमर अब्दुल्ला के बयान के मुताबिक यह विषय केवल कांग्रेस का है और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ इससे जुड़ा नहीं है। सोमवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि गठबंधन के भीतर हर दल को अपने मुद्दे तय करने की आज़ादी है।
कांग्रेस पिछले काफी समय से कथित वोट चोरी और चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाती आ रही है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कई मौकों पर निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान एसआईआर यानी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और वोट चोरी को लेकर जोरदार बहस भी देखने को मिली, जिसका जवाब सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया था।
संसद की बहस के बावजूद कांग्रेस इस मुद्दे को सड़क से सदन तक ले जाने के मूड में दिख रही है। रविवार को राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ नाम से एक बड़ी रैली आयोजित की गई। इस रैली में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा और निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मतदान के अधिकार को कमजोर किया जा रहा है।
लेकिन कांग्रेस के इस आक्रामक रुख से उसके सहयोगी दल पूरी तरह सहमत नहीं हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा,
“इंडिया’ गठबंधन का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस ने वोट चोरी और एसआईआर को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया है। हर पार्टी को अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ने का अधिकार है।”
नेशनल कॉन्फ्रेंस, विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) का हिस्सा है। लोकसभा में संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस इस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन वोट चोरी मुद्दा उमर अब्दुल्ला को लेकर आया यह बयान विपक्षी एकजुटता पर सवाल खड़े कर रहा है।
इधर कांग्रेस का दावा है कि उसने वोट चोरी के विरोध में देशभर से करीब छह करोड़ हस्ताक्षर एकत्र किए हैं, जिन्हें राष्ट्रपति को सौंपने की तैयारी है। ऐसे में राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि क्या उमर अब्दुल्ला के इस स्टैंड के बाद अन्य विपक्षी दल भी कांग्रेस से अलग रुख अपनाएंगे।