मनरेगा की जगह VB-G RAM G योजना, 125 दिन काम और साप्ताहिक वेतन

सरकार ने बिल की कॉपी सांसदों के बीच सर्कुलेट की है, जिसे संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है

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  • VB-G RAM G योजना के तहत मनरेगा की जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून लाया जा रहा है।
  • ग्रामीण परिवारों को साल में 125 दिन काम और साप्ताहिक मजदूरी की कानूनी गारंटी मिलेगी।
  • योजना में जल संरक्षण, ग्रामीण अवसंरचना और आजीविका से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • नया कानून लागू होने पर मनरेगा अधिनियम समाप्त कर दिया जाएगा और नई व्यवस्था लागू होगी।

 

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 15 दिसंबर: VB-G RAM G योजना के जरिए केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इस नए कानून के तहत मनरेगा की जगह 125 दिन का सुनिश्चित काम, समय पर मजदूरी और आजीविका सुरक्षा का प्रावधान किया जाएगा।

केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने की तैयारी कर ली है। प्रस्तावित विधेयक का नाम विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) रखा गया है, जिसे संक्षेप में VB-G RAM G योजना कहा जा रहा है। यह विधेयक संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

सरकार के अनुसार यह योजना विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत आधारभूत ढांचा, रोजगार सुरक्षा और आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाई जा रही है।

125 दिन रोजगार की कानूनी गारंटी

हर ग्रामीण परिवार को वर्ष में 125 दिन मजदूरी रोजगार का कानूनी अधिकार मिलेगा। समय पर काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।

साप्ताहिक मजदूरी का प्रावधान

मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक आधार पर या काम पूरा होने के 15 दिन के भीतर करना अनिवार्य होगा।

चार प्रमुख कार्य क्षेत्र

योजना के तहत जल संरक्षण, ग्रामीण अवसंरचना, आजीविका आधारित ढांचा और आपदा-रोधी निर्माण कार्य कराए जाएंगे।

पंचायत से राज्य स्तर तक योजना

कार्य योजना ग्राम पंचायत से शुरू होकर ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर तक तैयार की जाएगी, जिससे स्थानीय जरूरतों के अनुसार विकास हो सके।

कृषि मौसम में राहत

खेती के व्यस्त मौसम में अधिकतम 60 दिनों तक कार्य नहीं कराए जाएंगे, ताकि कृषि उत्पादन प्रभावित न हो।

पारदर्शिता और सामाजिक निगरानी

काम की निगरानी, सार्वजनिक जानकारी और सामाजिक अंकेक्षण को अनिवार्य किया गया है।

शिकायत निवारण और लोकपाल

हर जिले में लोकपाल की नियुक्ति होगी, जिससे श्रमिकों की शिकायतों का त्वरित समाधान हो सके।

केंद्र और राज्य की साझेदारी

योजना का खर्च केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उठाएंगी। विशेष राज्यों को अधिक केंद्रीय सहायता मिलेगी।

अनुमानित वार्षिक खर्च

इस योजना पर लगभग 1.51 लाख करोड़ रुपये सालाना खर्च होने का अनुमान है।

मनरेगा का निरसन

नया कानून लागू होने के बाद मनरेगा अधिनियम समाप्त कर दिया जाएगा। लंबित कार्यों के लिए संक्रमणकालीन व्यवस्था रहेगी।

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