बांके बिहारी मंदिर दर्शन समय विवाद: CJI सूर्यकांत की सख्त टिप्पणी
दर्शन समय बढ़ाने के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी को नोटिस जारी किया
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सुप्रीम कोर्ट ने मंदिरों में विशेष पूजा और वीआईपी व्यवस्था पर सवाल उठाए
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बांके बिहारी मंदिर में रोज़ करीब तीन घंटे दर्शन समय बढ़ाने का फैसला विवादों में
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गोस्वामियों ने परंपरा और विधि-विधान से छेड़छाड़ का आरोप लगाया
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मामले की अगली सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह में तय
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15 दिसंबर: बांके बिहारी मंदिर दर्शन समय विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई हुई। मथुरा के वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन का समय बढ़ाने के फैसले पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि भगवान के आराम के समय में भी हस्तक्षेप किया जा रहा है, जो उचित नहीं है।
यह मामला उस निर्णय से जुड़ा है, जिसमें हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी ने मंदिर में प्रतिदिन लगभग तीन घंटे दर्शन समय बढ़ाने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ मंदिर के सेवायतों और गोस्वामियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
दर्शन समय में बदलाव पर आपत्ति
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कोर्ट को बताया कि मंदिर में दर्शन का समय केवल प्रशासनिक व्यवस्था नहीं, बल्कि सदियों पुरानी धार्मिक परंपराओं और विधि-विधानों से जुड़ा विषय है। उन्होंने कहा कि समय में बदलाव से भगवान के जागने, विश्राम और शयन की परंपरागत पूजा-पद्धतियां प्रभावित हो रही हैं।
CJI की सख्त टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान कहा,
“दोपहर में मंदिर बंद होने के बाद भी भगवान को एक पल का आराम नहीं दिया जाता। जो लोग बड़ी रकम देने में सक्षम हैं, उन्हें भगवान के आराम के समय में भी विशेष पूजा की अनुमति मिल जाती है।”
CJI ने यह भी स्पष्ट किया कि भगवान के विश्राम का एक निर्धारित समय होता है और उसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ स्वीकार्य नहीं हो सकती।
विशेष पूजा और वीआईपी व्यवस्था पर सवाल
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मंदिरों में पैसे के बदले विशेष पूजा कराने की प्रथा पर चिंता जताई। हालांकि याचिकाकर्ता पक्ष ने कहा कि इस मामले में कोई ठोस शिकायत रिकॉर्ड पर नहीं है, लेकिन कोर्ट की आशंका गंभीर है और इस पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।
हाई पावर कमेटी को नोटिस
सभी पक्षों को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसमें जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल पंचोली भी शामिल हैं, ने हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह में तय की है।
सेवायतों की दलील
गोस्वामियों ने याचिका में कहा है कि भगवान बांके बिहारी की सेवा बाल रूप में होती है, इसलिए उन्हें पर्याप्त आराम का समय दिया जाना आवश्यक है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान रात में निधिवन में रासलीला के लिए जाते हैं, इसलिए सुबह जल्दी जगाना या देर रात तक दर्शन कराना परंपराओं के विरुद्ध है।