दिल्ली में प्रदूषण आपातकाल: ग्रैप-4 लागू, स्कूल हाइब्रिड मोड पर
वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 के पार, सख्त पाबंदियां लागू दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश
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वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से ऊपर पहुंचते ही पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रैप-चार लागू
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कक्षा 9 और 11 तक स्कूलों में हाइब्रिड मोड से पढ़ाई
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सरकारी व निजी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों को घर से काम
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कमजोर पश्चिमी विक्षोभ को बताया गया प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 14 दिसंबर:दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 के पार जाते ही हालात को ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में माना गया और आपात प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया।
ग्रैप-4 लागू होने के बाद दिल्ली के सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि शेष कर्मचारियों को घर से काम करना होगा। यह आदेश पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी किया गया है।

शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी अहम फैसला लिया गया है। दिल्ली में कक्षा 9 तक और कक्षा 11 तक स्कूलों को हाइब्रिड मोड में संचालित करने का निर्देश दिया गया है। इसका अर्थ है कि विद्यार्थी आंशिक रूप से ऑनलाइन और आंशिक रूप से विद्यालय आकर पढ़ाई करेंगे। एनसीआर के अन्य जिलों में भी जिला प्रशासन स्थानीय स्थिति के अनुसार आदेश जारी कर सकता है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने स्पष्ट किया है कि प्रदूषण में अचानक आई गिरावट का मुख्य कारण स्थानीय उत्सर्जन नहीं, बल्कि उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ रहा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ है। इसी कारण हवा में प्रदूषकों का जमाव बढ़ा है। आयोग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति में सुधार होते ही वायु गुणवत्ता में भी सुधार की संभावना है।