एनसीआर में ग्रैप-3 लागू,वर्क फ्रॉम होम और स्कूल बंद पर हो सकता है फैसला

एक्यूआई 400 के पार पहुंचा, स्मॉग की चादर; डीजल बसों, निर्माण कार्य और जनरेटर पर कड़ी पाबंदियां

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  • दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 401, कई इलाकों में 440 से ऊपर
  • सीएक्यूएम ने पूरे दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप स्टेज-3 तत्काल लागू किया
  • कक्षा 5 तक के स्कूल ऑनलाइन, वर्क फ्रॉम होम की सलाह
  • डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों को विशेष सतर्कता की चेतावनी दी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 दिसंबर: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 दर्ज किया गया है। यह स्तर गंभीर श्रेणी में आता है। पूरे इलाके में स्मॉग की मोटी परत छाई हुई है।

12 दिसंबर की शाम चार बजे दिल्ली का एक्यूआई 349 था। रातभर हालात तेजी से बिगड़ते चले गए। 13 दिसंबर की सुबह दस बजे एक्यूआई बढ़कर 401 पहुंच गया।

विशेषज्ञों के अनुसार हवा की रफ्तार बहुत कम है। वायुमंडल की स्थिति स्थिर बनी हुई है। मौसम भी प्रदूषण के अनुकूल नहीं है। यही कारण है कि हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है।

हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रैप स्टेज-3 लागू कर दिया है। यह फैसला पूरे दिल्ली-एनसीआर में तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है। इसका मकसद प्रदूषण को और बढ़ने से रोकना है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली के 21 निगरानी केंद्रों पर एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया। वजीरपुर में एक्यूआई 445 रहा। विवेक विहार में 444 और जहांगीरपुरी में 442 दर्ज किया गया।

आनंद विहार में एक्यूआई 439 रहा। अशोक विहार और रोहिणी में यह 437 दर्ज किया गया। नरेला, पटपड़गंज, मुंडका और बवाना में भी हवा बेहद खराब रही।

चांदनी चौक, पंजाबी बाग, सिरी फोर्ट और सोनिया विहार में भी एक्यूआई 420 से ऊपर दर्ज किया गया। कई इलाकों में लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। आंखों में जलन की शिकायत भी बढ़ी है।

ग्रैप स्टेज-3 के तहत कई पाबंदियां लगाई गई हैं। दिल्ली के भीतर और बाहर से चलने वाली डीजल बसों पर रोक लगा दी गई है।

कक्षा 5 तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इन कक्षाओं की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में कराई जाएगी।

स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियों पर रोक रहेगी। गैर जरूरी निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य भी बंद रहेंगे।

आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है। पुराने डीजल वाहनों की आवाजाही पर भी रोक रहेगी।

सरकारी और निजी दफ्तरों को वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड मोड अपनाने की सलाह दी गई है। सीमेंट, बालू और निर्माण सामग्री ढोने वाले ट्रकों पर भी रोक लगाई गई है।

डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। इससे दमा, फेफड़ों और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

बच्चों और बुजुर्गों पर इसका असर ज्यादा पड़ सकता है। अस्पतालों में सांस से जुड़ी परेशानी वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि सुबह और देर शाम बाहर निकलने से बचें। बाहर जाते समय मास्क का उपयोग जरूर करें।

पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार आने वाले दिनों में राहत की उम्मीद कम है। अगले कुछ दिनों तक वायु गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर श्रेणी में बनी रह सकती है।

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