13 दिसंबर दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष
व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। किसी प्रभावशाली वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। प्रसन्नता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है।

🐂वृष
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधानी आवश्यक है।

👫मिथुन
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बेवजह चिड़चिड़ापन रह सकता है। धनागम होगा। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मित्रों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। अज्ञात भय सताएगा। व्यापार ठीक चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रमाद न करें।

🦀कर्क
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जल्दबाजी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें। व्यापार ठीक चलेगा। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। कुसंगति से बचें। धनहानि हो सकती है।

🐅सिंह
प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। आय में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। दुष्टजनों से सावधान रहें। हानि पहुंचा सकते हैं। प्रमाद न करें।

🙎‍♀️कन्या
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लंबी हो सकती है। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। किसी बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

⚖️तुला
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी।

🦂वृश्चिक
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पारिवारिक मित्र व संबंधी अतिथियों के रूप में घर आ सकते हैं। वाणी पर नियंत्रण रखें। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। कारोबार ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। बुरे लोगों की पहचान जरूरी है। उनसे दूर रहें।

🏹धनु
घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्‍य की चिंता रहेगी। दौड़धूप होगी। विवाद से क्लेश होगा। किसी व्यक्ति के व्यवहार से मन को ठेस पहुंच सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय बनी रहेगी। धनहानि की आशंका बनती है। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त होगा, धैर्य रखें।

🐊मकर
किसी व्यक्ति के व्यवहार से लगेगा कि अपमान हुआ है। नई योजना बनेगी। कार्यस्‍थल पर परिवर्तन पर विचार हो सकता है। व्यापार ठीक चलेगा। घर-परिवार में सुख-शांति रहेगी। आंखों को चोट व रोग से बचाएं। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। स्वास्थ्‍य कमजोर रह सकता है।

🍯कुम्भ
ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। धन प्राप्ति सुगम तरीके से होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। भाइयों से मतभेद दूर होकर स्थिति अनुकूल रहेगी। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

🐟मीन
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। नकारात्मकता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। दूसरों पर भरोसा न करें। आशंका-कुशंका के चलते कोई बड़ी गलती हो सकती है।

5,शनिवार
दिनांक:-13/12/202
॥22॥
नवमी, कृष्ण पक्ष,
पौष
“”‘”””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———— नवमी 16:37:26. तक
पक्ष————————– कृष्ण
नक्षत्र————– हस्त 32:17:33
योग——— आयुष्मान 11:15:26
करण————— गर 16:37:26
करण———– वणिज 29:40:14
वार———————— शनिवार
माह————————– पौष
चन्द्र राशि—————— कन्या
सूर्य राशि—————— वृश्चिक
रितु————————– हेमंत
आयन—————— दक्षिणायण
संवत्सर——————- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) ————–सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————– 2082
शक संवत—————— 1947
कलि संवत—————— 5126

वृन्दावन
सूर्योदय—————- 07:02:11
सूर्यास्त—————– 17:24:46
दिन काल————– 10:22:35
रात्री काल————– 13:38:02
चंद्रास्त—————– 13:05:15
चंद्रोदय—————– 25:53:52

लग्न —- वृश्चिक 27°4′ , 237°4′

सूर्य नक्षत्र——————– ज्येष्ठा
चन्द्र नक्षत्र——————— हस्त
नक्षत्र————————- पाया

🚩💮🚩पद, चरण 🚩💮🚩

पू—- हस्त 12:23:41

ष—-हस्त 18:59:57

ण—- हस्त 25:37:58

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य= वृश्चिक 27°49 , ज्येष्ठा 4 यू
चन्द्र= कन्या 10°30 , हस्त 1 पू
बुध = वृश्चिक 07°52 ‘ अनुराधा 2 नी
शु क्र= वृश्चिक 21°05, ज्येष्ठा , 2 या
मंगल= धनु 05°30 ‘ मूल. 2 यो
गुरु= कर्क 29°50 पुनर्वसु, 3 हा
शनि=मीन 01°03 ‘ पूo भा o , 4 दी
राहू=(व) कुम्भ 19°02 पू o भा o, 4 सू
केतु= (व) सिंह 19°02 पूoफा o 2 टा
============================

🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩

राहू काल 09:38 – 10:56 अशुभ
यम घंटा 13:31 – 14:49 अशुभ
गुली काल 07:02 – 08:20 अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:34 शुभ
दूर मुहूर्त 08:25 – 09:07 अशुभ
वर्ज्यम 15:02 – 16:48 अशुभ
प्रदोष 17:25 – 20:11 शुभ

💮चोघडिया, दिन

काल 07:02 08:20 अशुभ
शुभ 08:20 – 09:38 शुभ
रोग 09:38 – 10:56 अशुभ
उद्वेग 10:56 – 12:13 अशुभ
चर 12:13 13:31 शुभ
लाभ 13:31 14:49 शुभ
अमृत 14:49 – 16:07 शुभ
काल 16:07 17:25 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

लाभ 17:25 – 19:07 शुभ
उद्वेग 19:07 – 20:49 अशुभ
शुभ 20:49 – 22:32 शुभ
अमृत 22:32 – 24:14* शुभ
चर 24:14*-25:56* शुभ
रोग 25:56* – 27:38* अशुभ
काल 27:38*29:21* अशुभ
लाभ 29:21*-31:03* शुभ

💮होरा, दिन

शनि 07:02 -07:54
बृहस्पति 07:54- 08:46
मंगल 08:46- 09:38
सूर्य 09:38- 10:30
शुक्र 10:30 -11:22
बुध 11:22- 12:13
चन्द्र 12:13- 13:05
शनि 13:05- 13:57
बृहस्पति 13:57- 14:49
मंगल 14:49 -15:41
सूर्य 15:41 -16:33
शुक्र 16:33 -17:25

🚩होरा, रात

बुध 17:25 -18:33
चन्द्र 18:33- 19:41
शनि 19:41- 20:49
बृहस्पति 20:49 -21:57
मंगल 21:57 -23:06
सूर्य 23:06- 24:14
शुक्र 24:14-25:22
बुध 25:22- 26:30
चन्द्र 26:30-27:38
शनि 27:38-28:46
बृहस्पति 28:46-29:55
मंगल 29:55-31:03

🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩

वृश्चिक > 04:56 से 08:16 तक
धनु > 08:16 से 09:26 तक
मकर > 09:26 से 10:58 तक
कुम्भ > 10:58 से 12:36 तक
मीन > 12:36 से 14:02 तक
मेष > 14:02 से 15:38 तक
वृषभ > 15:38 से 17:32 तक
मिथुन > 17:32 से 20:02 तक
कर्क > 20:02 से 22:08 तक
सिंह > 22:08 से 00:18 तक
कन्या > 00:18 से 02:48 तक
तुला > 02:48 से 04:50 तक
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🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लोंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 9 + 7 + 1 = 32 ÷ 4 = 0 शेष
पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = सन्ताप कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 29:43 से प्रारम्भ

पाताल लोक = धनलाभ कारक

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* द्वितीय शनिवार

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

परकार्यविहन्ता च दाम्भिकः स्वार्थसाधकः ।
छली द्वेषी मृदुक्रूरो विप्रो मार्जार उच्यते ।।
।।चाo नीo।।

वह ब्राह्मण जो दुसरो के काम में अड़ंगे डालता है, जो दम्भी है, स्वार्थी है, धोखेबाज है, दुसरो से घृणा करता है और बोलते समय मुह में मिठास और ह्रदय में क्रूरता रखता है, वह एक बिल्ली के समान है.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: कर्मयोग अo-3

न मे पार्थास्ति कर्तव्यं त्रिषु लोकेषु किंचन।
नानवाप्तमवाप्तव्यं वर्त एव च कर्मणि॥

हे अर्जुन! मुझे इन तीनों लोकों में न तो कुछ कर्तव्य है और न कोई भी प्राप्त करने योग्य वस्तु अप्राप्त है, तो भी मैं कर्म में ही बरतता हूँ

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

——————————————-
आचार्य ज्योतिष सचिन पांडे

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