IT इंडस्ट्री : क्या भारतीय इंजीनियर का ‘गोल्डन ड्रीम’ खत्म?

AI, GCC और टूटता पुराना मॉडल

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पूनम शर्मा
भारत की आईटी इंडस्ट्री, जिसने 25 साल तक देश के मिडिल क्लास को आगे बढ़ाया, आज अपने सबसे बड़े तूफ़ान से गुजर रही है। जो सेक्टर कभी लाखों युवाओं के लिए गारंटीड जॉब का सिंबल था, वही आज अनिश्चितता, लेऑफ़ और टूटते बिज़नेस मॉडल के कारण डगमगा रहा है।

आज हर सुबह लाखों इंजीनियर ईमेल खोलते हैं और डरते हैं — “कहीं आज मेरा नाम उस लेऑफ़ लिस्ट में न हो।” केवल TCS ही नहीं, Infosys, Wipro, HCL से लेकर Microsoft, Amazon और Intel तक — पूरा ग्लोबल टेक सेक्टर एक ऐसे झटके में है जो भारत के 58 लाख आईटी इंजीनियरों और 9 करोड़ टेक-डिपेंडेंट परिवारों को प्रभावित कर रहा है। लेऑफ़ का सुनामी: पुराने टैलेंट को बाहर कर, नए स्किल्स की मांग

TCS: 12,000+ लोगों को बाहर

Infosys: 10,000+ लेऑफ़

Microsoft Azure: 3% फोर्स कट

Intel: 25,000+ कर्मचारी निकाले

ग्लोबल टेक इंडस्ट्री: भर्ती लगभग ठप, स्किल्स में भारी बदलाव

5 साल में इंडियन IT की ग्रोथ 20–25% से गिरकर 0.8%–5% पर आ गई। यह सिर्फ धीमापन नहीं — यह मॉडल के ढहने का संकेत है।

भारत का IT ड्रीम क्यों टूट रहा है? असली 3 कारण
AI Automation — इंडियन IT का सबसे बड़ा झटका

इंडियन IT का मूल बिज़नेस मॉडल था:

टेस्टिंग

मैनुअल स्क्रिप्ट अपडेट

डॉक्यूमेंटेशन

L1-L2 सपोर्ट

बेसिक डेवलपमेंट

बैकएंड प्रोसेस

यही काम पिछले 20 वर्षों से भारत अमेरिका और यूरोप के लिए कर रहा था।

लेकिन आज AI टूल्स — ChatGPT, Copilot, Claude, Auto-agents —एक पूरी टीम का काम मिनटों में कर रहे हैं।

AI अब:

कोड लिख रहा
टेस्टिंग कर रहा
डॉक्यूमेंट बना रहा
L1 सपोर्ट संभाल रहा
स्क्रिप्ट अपडेट कर रहा
क्लाइंट अब पूछ रहा है:“जब AI वही काम तेज़, सस्ता और बिना छुट्टी के कर रहा है… तो हम इंडिया को आउटसोर्स क्यों करें?”

यहीं इंडियन IT को पहला बड़ा धक्का लगा है।

GCC मॉडल — गूगल-माइक्रोसॉफ्ट ने ही भारत की IT कंपनियों को पीछे छोड़ादूसरा और सबसे खतरनाक कारण है: GCC — Global Capability Centers

पहले क्या होता था?

अमेरिकी कंपनियाँ TCS/Infosys को 10–20 मिलियन डॉलर देकर काम करवाती थीं।अब वे कह रही हैं —“भारत में टैलेंट तो पहले ही मौजूद है,
तो हम आउटसोर्सिंग कंपनियों को पैसा क्यों दें?हम खुद अपना ऑफिस खोलेंगे।”

इसलिए:

Google

Microsoft

Amazon

JP Morgan

Walmart

Airbus

Goldman Sachs

सभी ने भारत में अपने सेंटर खोल दिए।

अब वही काम जो पहले TCS/Infosys करते थे,
उन्हीं कंपनियों के अपने कर्मचारी कर रहे हैं — तेज़, सस्ता और सुरक्षित तरीके से। परिणाम?

इंडियन IT कंपनियों के पास प्रोजेक्ट कम भर्ती धीमी मिड-कैरियर लोग सबसे ज्यादा प्रभावित  पुराना “बॉडी-शॉपिंग” मॉडल खत्25 साल से इंडियन IT एक ही मॉडल पर चल रही थी:“ज्यादा इंजीनियर भर्ती करो, कम सैलरी दो, बिल योग्य घंटे बेचो।” लेकिन:

AI ने मैनुअल काम खत्म कर दिया GCC मॉडल ने आउटसोर्सिंग काट दी पुराने इंजीनियर नए स्किल्स नहीं सीख पाए कंपनियों ने R&D में निवेश कभी नहीं किया अब मॉडल ढह रहा है। इसीलिए आज लेऑफ़ में सबसे ज्यादा दिखाई दे रहे हैं:

10–20 साल का अनुभव
लेकिन नए AI-क्लाउड-डेटा स्किल्स में पीछे
जिनकी बिलिंग अब क्लाइंट को आकर्षित नहीं करती

 तो क्या भारत का IT फ्यूचर खत्म है?

नहीं — लेकिन रूप बदल गया है

सच्चाई दो टुकड़ों में है:

इंडियन IT सर्विस कंपनियों का भविष्य — कठिन, संकुचित, और कम होता हुआ। लेकिन GCC, AI इंजीनियरिंग, और Deep-Tech में भारत का भविष्य — बहुत उज्ज्वल। क्योंकि:

Google, Amazon, Microsoft भारत में 30,000+ लोग हायर कर रहे हैं

Global MNCs भारत को AI-R&D हब बना रहे हैं

Deep-Tech, cybersecurity, robotics, chip-design की मांग बढ़ रही है

ये जॉब्स आउटसोर्सिंग नहीं, इन-हाउस, हाई-स्किल और हाई-पे वाली हैं।

 आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न: “अब आगे क्या?”

अगर आप IT में हैं, तो तीन रास्ते हैं:

AI + Automation + Cloud सीखें — तुरंत

Generative AI

Automation frameworks

Azure/AWS/GCP

LLM engineering

AI-agents

MLOps

ये अब optional skill नहीं — जीवन रक्षक skill हैं।

Data + Cybersecurity — सबसे तेज़ विकास

हर GCC, हर MNC इन दो स्किल्स में निवेश कर रही है:

Data Engineering

Data Analytics

Cybersecurity

Identity Management

Zero-trust Architecture

Mass IT को छोड़कर Product-Tech की तरफ मूव करें आने वाले 10 साल product engineering के हैं, न कि body-shopping के।

निष्कर्ष: संकट बड़ा है, पर अवसर उससे भी बड़ा

भारत की IT इंडस्ट्री मर नहीं रही — वह अपने पुराने रूप से बाहर निकल रही है। पुराना IT मॉडल → खत्म । नया AI-GCC-DeepTech मॉडल → तेजी से उभर रहा किसी भी इंजीनियर का भविष्य एक वाक्य में: “जो AI को चलाएगा, वही बचेगा। जिसे AI चलाएगा, वह चले जाएगा।”

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