7 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण की समयसीमा बढ़ी
चुनाव आयोग ने 14 दिन का दिया अतिरिक्त समय, विपक्ष के आरोपों के बीच जारी हुआ आदेश
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चुनाव आयोग ने गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, यूपी समेत 7 राज्यों में SIR की तारीख 14 दिन बढ़ाई
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पश्चिम बंगाल की तारीखों में कोई बदलाव नहीं
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विपक्ष समयसीमा को लेकर आयोग पर अव्यवहारिकता के आरोप लगा रहा था
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लोकसभा में अमित शाह ने विशेष गहन पुनरीक्षण विवाद पर विपक्ष को दिया विस्तृत जवाब
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 दिसंबर:चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों में समयसीमा 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है। आयोग ने स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण की तारीखों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, जबकि केरल के लिए बदलाव पहले ही घोषित किए जा चुके हैं।
यह आदेश उस समय आया है जब विपक्षी दल लगातार चुनाव आयोग पर विशेष गहन पुनरीक्षण की समयसीमा को लेकर अव्यवहारिक निर्देश देने का आरोप लगा रहे थे। विपक्ष का कहना था कि निर्धारित टाइमलाइन असंभव है और इसे राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से तय किया गया है।
लोकसभा में अमित शाह का जवाब
विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष के आरोपों पर लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने राहुल गांधी के 5 नवंबर 2025 के बयान को तंज के रूप में “परमाणु बम” बताया। राहुल गांधी ने हरियाणा के एक घर में 501 वोट दर्ज होने का दावा किया था।
अमित शाह ने कहा कि चुनाव आयोग ने तथ्यों के साथ स्पष्ट कर दिया है कि जिस हाउस नंबर 501 की बात की गई, वह कोई छोटा मकान नहीं बल्कि एक एकड़ का पुश्तैनी प्लॉट है। इसमें कई परिवार एक साथ रहते हैं और सभी के घरों को अलग नंबर आवंटित नहीं किया गया है। इसलिए सभी निवासियों के वोट एक ही नंबर पर दर्ज हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कई परिवारों में तीन-तीन पीढ़ियां एक साथ रहती हैं, और यह स्थिति नई नहीं है हरियाणा में कांग्रेस सरकार के समय से ही यह नंबरिंग प्रचलन में है। शाह ने जोर देकर कहा,
“न यह कोई फर्जी वोट है, न कोई फर्जी घर यह नैरेटिव केवल भ्रम फैलाने के लिए बनाया गया है।”
1995 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र
गृहमंत्री ने मतदाता पंजीकरण की कानूनी प्रक्रिया को मजबूत बताते हुए 1995 के ‘लालबाबू हुसैन बनाम मतदाता रजिस्ट्रेशन ऑफिसर’ केस का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में साफ किया है कि
रिटर्निंग ऑफिसर यह सुनिश्चित कर सकता है कि वोटर वास्तव में भारतीय नागरिक है।
अमित शाह ने कहा कि यह नियम सरकार का नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट का है, और सभी इसके पालन के लिए बाध्य हैं।