दैनिक राशिफल
🐏मेष
किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। किसी अपरिचित की बातों में न आएं। धनहानि हो सकती है। थोड़े प्रयास से ही काम सफल रहेंगे। मित्रों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
🐂वृष
व्यवसाय धीमा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की नाराजी झेलनी पड़ सकती है। परिवार में मनमुटाव हो सकता है। सुख के साधनों पर व्यय सोच-समझकर करें। निवेश करने से बचें। व्यापार ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शारीरिक कष्ट संभव है।
👫मिथुन
परिवार की आवश्यकताओं के लिए भागदौड़ तथा व्यय की अधिकता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में विशेष सावधानी की आवश्यकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। कार्य की गति धीमी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। निवेश करने का समय नहीं है। नौकरी में मातहतों से अनबन हो सकती है, धैर्य रखें।
🦀कर्क
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। अचानक लाभ के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। व्यापार में वृद्धि से संतुष्टि रहेगी। नौकरी में जवाबदारी बढ़ सकती है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। उत्साह से काम कर पाएंगे। किसी की बातों में न आएं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे।
🐅सिंह
कोई राजकीय बाधा हो सकती है। जल्दबाजी में कोई भी गलत कार्य न करें। विवाद से बचें। काफी समय से अटका हुआ पैसा मिलने का योग है, प्रयास करें। यात्रा लाभदायक रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। वस्तुएं संभालकर रखें।
🙎♀️कन्या
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेने की स्थिति बन सकती है। पुराना रोग बाधा का कारण बन सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। व्ययसाय लाभप्रद रहेगा। कार्य पर ध्यान दें।
⚖️तुला
तरक्की के अवसर प्राप्त होंगे। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ बाहर जाने की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के योग हैं। परिवार व स्नेहीजनों के साथ विवाद हो सकता है। शत्रुता में वृद्धि होगी। अज्ञात भय रहेगा। थकान महसूस होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।
🦂वृश्चिक
कष्ट, भय, चिंता व तनाव का वातावरण बन सकता है। जीवनसाथी पर अधिक मेहरबान होंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूलता रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। पारिवारिक प्रसन्नता तथा संतुष्टि रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यय होगा। मित्रों से मेलजोल बढ़ेगा। नए संपर्क बन सकते हैं। धनार्जन होगा।
🏹धनु
किसी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। भागदौड़ रहेगी। बोलचाल में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। पुराना रोग उभर सकता है। व्यापार में अधिक ध्यान देना पड़ेगा। जोखिम न उठाएं। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। बजट बिगड़ेगा। दूर से शोक समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें।
🐊मकर
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। परिवार व मित्रों के साथ समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। शारीरिक कष्ट संभव है, सावधान रहें। निवेश शुभ रहेगा। तीर्थयात्रा की योजना बन सकती है।
🍯कुंभ
यात्रा सफल रहेगी। शारीरिक कष्ट हो सकता है। बेचैनी रहेगी। नई योजना बनेगी। लोगों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। काफी समय से अटके काम पूरे होने के योग हैं। भरपूर प्रयास करें। आय में मनोनुकूल वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा।
🐟मीन
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएँगे । व्यापार में लाभ होगा। निवेश शुभ रहेगा। संतान पक्ष से आरोग्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। हानि संभव है। भाइयों का साथ मिलेगा।
दिनाँक:-11/12/2025,गुरुवार
सप्तमी, कृष्ण पक्ष,
पौष
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———– सप्तमी 13:56:29. तक
पक्ष——–‐—————– कृष्ण
नक्षत्र—– पूर्वाफाल्गुनी 27:54:45
योग———- विश्कुम्भ 11:39:06
करण——-‐——- बव 13:56:29
करण———– बालव 26:20:38
वार———————— गुरूवार
माह————————– पौष
चन्द्र राशि——————- सिंह
सूर्य राशि—————– वृश्चिक
रितु—————‐———–हेमंत
आयन—————— दक्षिणायण
संवत्सर——————- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) ————–सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————– 2082
शक संवत—————— 1947
कलि संवत——————– 512
वृन्दावन
सूर्योदय—————- 07:00:52
सूर्यास्त—————– 17:24:11
दिन काल————– 10:23:18
रात्री काल————– 13:37:20
चंद्रास्त——‐———- 12:08:34
चंद्रोदय—————– 24:06:28
लग्न —- वृश्चिक 25°2′ , 235°2′
सूर्य नक्षत्र——————– ज्येष्ठा
चन्द्र नक्षत्र————-पूर्वाफाल्गुनी
नक्षत्र पाया——————- रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
मो—- पूर्वा फाल्गुनी 08:56:47
टा—-पूर्वा फाल्गुनी 15:13:11
टी—-पूर्वा फाल्गुनी 21:32:32
टू—-पूर्वाफाल्गुनी 27:54:45
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= वृश्चिक 25°49 , ज्येष्ठा 3 यी
चन्द्र= सिंह 15°30 , पूoफाo 1 मो
बुध = वृश्चिक 04°52 ‘ अनुराधा 1 ना
शु क्र= वृश्चिक 18°05, ज्येष्ठा , 1 ना
मंगल= धनु 02°30 ‘ मूल. 1 ये
गुरु= कर्क 29°50 पुनर्वसु, 3 हा
शनि=मीन 01°03 ‘ पूo भा o , 4 दी
राहू=(व) कुम्भ 19°08 पू o भा o, 4 सू
केतु= (व) सिंह 19°08 पूoफा o 2 टा
============================
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*
राहू काल 13:30 – 14:48 अशुभ
यम घंटा 07:01 – 08:19 अशुभ
गुली काल 09:37 – 10:55 अशुभ
अभिजित 11:52 – 12:33 शुभ
दूर मुहूर्त 10:29 – 11:10 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:38 – 15:20 अशुभ
वर्ज्यम 11:02 – 12:42. अशुभ
प्रदोष 17:24 – 20:10 शुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ 07:01 – 08:19 शुभ
रोग 08:19 – 09:37 अशुभ
उद्वेग 09:37 – 10:55 अशुभ
चर 10:55 12:13 शुभ
लाभ 12:13 – 13:30 शुभ
अमृत 13:30-14:48 शुभ
काल 14:48 16:06 अशुभ
शुभ 16:06 17:24 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 17:24 – 19:06 शुभ
चर 19:06 20:49 शुभ
रोग 20:49 – 22:31 अशुभ
काल 22:31 24:13* अशुभ
लाभ 24:13* – 25:55* शुभ
उद्वेग 25:55* – 27:37* अशुभ
शुभ 27:37* – 29:19* शुभ
अमृत 29:19* – 31:02* शुभ
💮होरा, दिन
बृहस्पति 07:01- 07:53
मंगल 07:53- 08:45
सूर्य 08:45- 09:37
शुक्र 09:37-10:29
बुध 10:29 -11:21
चन्द्र 11:21- 12:13
शनि 12:13- 13:04
बृहस्पति 13:04- 13:56
मंगल 13:56- 14:48
सूर्य 14:48- 15:40
शुक्र 15:40 -16:32
बुध 16:32- 17:24
🚩होरा, रात
चन्द्र 17:24 -18:32
शनि 18:32- 19:40
बृहस्पति 19:40- 20:49
मंगल 20:49- 21:57
सूर्य 21:57- 23:05
शुक्र 23:05 -24:13
बुध 24:13-25:21
चन्द्र 25:21-26:29
शनि 26:29-27:37
बृहस्पति 27:37-28:45
मंगल 28:45-29:53
सूर्य 29:53-31:02
*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
वृश्चिक > 05:04 से 08:24 तक
धनु > 08:24 से 09:34 तक
मकर > 09:34 से 11:06 तक
कुम्भ > 11:06 से 12:40 तक
मीन > 12:40 से 14:10 तक
मेष > 14:10 से 15:46 तक
वृषभ > 15:46 से 17:40 तक
मिथुन > 17:40 से 20:10 तक
कर्क > 20:10 से 22:16 तक
सिंह > 22:16 से 00:26 तक
कन्या > 00:26 से 02:56 तक
तुला > 02:56 से 04:58 तक
=======================
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————- दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा बेसन के लड्डू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 7 + 5 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
22 + 22 + 5 = 49 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*कालाष्टमी
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
कामं क्रोधं तथा लोभं स्वादुश्रृंगारकौतुकम् ।
अतिनिद्राऽतिसेवा च विद्यार्थी ह्यष्ट वर्जयेत् ।।
।।चाo नीo।।
एक विद्यार्थी पूर्ण रूप से निम्न लिखित बातो का त्याग करे.
१. काम
२. क्रोध
३. लोभ
४. स्वादिष्ट भोजन की अपेक्षा.
५. शरीर का शृंगार
६. अत्याधिक जिज्ञासा
७. अधिक निद्रा
८. शरीर निर्वाह के लिए अत्याधिक प्रयास.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: कर्मयोग अo-3
यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते॥
श्रेष्ठ पुरुष जो-जो आचरण करता है, अन्य पुरुष भी वैसा-वैसा ही आचरण करते हैं। वह जो कुछ प्रमाण कर देता है, समस्त मनुष्य-समुदाय उसी के अनुसार बरतने लग जाता है (यहाँ क्रिया में एकवचन है, परन्तु ‘लोक’ शब्द समुदायवाचक होने से भाषा में बहुवचन की क्रिया लिखी गई है।)
॥21॥
*💮🚩
*आचार्य ज्योतिष सचिन पांडे