याचिकाएँ बढ़ती रहीं तो सुनवाई कैसे होगी? एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट की नाराज़गी
लगातार बढ़ती याचिकाओं से मुख्य मुद्दे की सुनवाई प्रभावित; CJI सूर्य कांत ने राजनीतिकरण पर भी जताई आपत्ति
-
विभिन्न राज्यों से विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर लगातार याचिकाएँ दाखिल होने पर सुप्रीम कोर्ट नाखुश
-
मुख्य न्यायाधीश बोले—नई याचिकाओं की बाढ़ से मुख्य केस की सुनवाई बाधित हो रही
-
यूपी, बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु से आई याचिकाओं पर अदालत ने जताया असंतोष
-
सभी राज्यों की याचिकाएँ श्रेणियों में बाँट कर अगले सप्ताह अलग-अलग तारीखों पर सुनवाई
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,09 दिसंबर:देशभर के कई राज्यों से सामाजिक पहचान रिपोर्ट (SIR) को लेकर लगातार दाखिल हो रही याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कड़ी नाराज़गी जताई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्य कांत ने स्पष्ट कहा कि लगातार बढ़ती याचिकाओं से मुख्य मुद्दे की सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है।
CJI ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की-
“अगर आप लोग यूं ही याचिकाएं दाखिल करते रहेंगे, तो SIR के मुख्य मुद्दे की सुनवाई कब होगी? लगता है सभी राजनीतिक लोग सिर्फ सुर्खियां बटोरने आ रहे हैं।”
अदालत ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु से दाखिल हुई कई नई याचिकाओं पर असंतोष जताया और कहा कि यह प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग दे रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि विभिन्न राज्यों की सभी याचिकाओं को अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जाए, ताकि मुख्य मामले की सुनवाई सुचारू रूप से हो सके। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि तीन राज्यों से संबंधित विशेष गहन पुनरीक्षण मामलों को अगले सप्ताह तीन अलग-अलग तारीखों पर सूचीबद्ध किया जाए।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने तर्क दिया कि उत्तर प्रदेश जैसा बड़ा राज्य तय समय सीमा में SIR पूरा नहीं कर पाएगा। इस पर अदालत ने यूपी की याचिका पर नोटिस जारी किया और कहा कि अगली सुनवाई अगले मंगलवार को होगी।
तमिलनाडु की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि राज्य के प्रवासी मजदूर पोंगल के बाद लौटते हैं, इसलिए अदालत को कानूनन समयसीमा निर्धारित करते समय इस परिस्थिति को ध्यान में रखना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पहले बिहार मामले को प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि उसका प्रभाव सभी राज्यों पर पड़ेगा।