लखनऊ में मेयर का बड़ा खुलासा: संदिग्ध बांग्लादेशी बस्तियाँ और अवैध कब्ज़े उजागर
फूलबाग और आसपास की स्लम बस्तियों में अवैध कब्ज़ा, बिजली चोरी, और बिना दस्तावेज़ ठहरे लोगों के खिलाफ -एलएमसी पुलिस की संयुक्त कार्यवाही।
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मेयर सुषमा खर्कवाल ने आधार-एनआरसी चेक, अवैध बिजली लाइन काटने और अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया।
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लगभग 70 परिवारों वाली बस्ती निजी भूमि पर अवैध रूप से बसी होने के आरोप में जांच के दायरे में।
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50 से अधिक हैंडकार्ट जब्त, अनधिकृत कूड़ा संग्रह और अपशिष्ट बिक्री का आरोप।
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वैध कागज़ न दिखा पाने वाले लोगों को बाद में थाने में दस्तावेज़ जमा करने का निर्देश।
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 8 दिसंबर: लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने सोमवार को एक बड़े पैमाने पर छापेमारी और सत्यापन अभियान चलाते हुए शहर के फूलबाग कॉलोनी तथा गुडम्बा थाना क्षेत्र की स्लम बस्तियों में अवैध बसावट और संदिग्ध विदेशी घुसपैठ के मामले का खुलासा किया। यह कार्रवाई उन बस्तियों पर केंद्रित थी, जिन पर लंबे समय से बांग्लादेश और म्यांमार (रोहिंग्या) समुदाय के गैर-दस्तावेजी व्यक्तियों के रहने की आशंका जताई जा रही थी।
मेयर खर्कवाल के अनुसार हालात इतने बिगड़ चुके थे कि “यहां पूरी आबादी बांग्लादेशी दिख रही थी, और टीम के पहुंचते ही पुरुष भाग गए—सिर्फ महिलाएँ बचीं।” अधिकारियों का मानना है कि यह व्यवहार वैध पहचान न होने की आशंका को और मजबूत करता है।
लखनऊ पुलिस पहले भी ऐसे इलाकों में सत्यापन अभियान चलाती रही है, लेकिन यह कार्रवाई नए इनपुट, बढ़ते अतिक्रमण, बिजली चोरी, तथा संदिग्ध विदेशी आश्रय की आशंका के आधार पर तेज की गई।
सूत्रों के मुताबिक फूलबाग की लगभग 70 परिवारों वाली यह बस्ती निजी भूमि पर अवैध कब्ज़े के रूप में वर्षों से चली आ रही थी। नगर निगम ने इस बसावट में स्थानीय कॉरपोरेटर द्वारा कथित रूप से बिना अनुमति बसाए जाने के आरोपों की भी जांच शुरू की है।
मेयर ने बताया कि टीम ने आधार कार्ड, वोटर आईडी, एनआरसीदस्तावेज़ और पुलिस वेरिफिकेशन की खुली जांच की। कई लोग कोई भी वैध दस्तावेज़ नहीं दिखा सके। कुछ निवासी अपने क्षेत्र के विधायक और ग्राम प्रधान तक का नाम नहीं बता पाए जो किसी स्थायी स्थानीय निवासी की सामान्य जानकारी में होना चाहिए।
कार्रवाई के दौरान नगर निगम ने 50 अवैध हैंडकार्ट जब्त किए, जिनका उपयोग अनधिकृत कूड़ा संग्रह और अपशिष्ट बिक्री के लिए किया जा रहा था। ज़ोनल सैनिटरी ऑफिसर अजीत राय ने पुष्टि की कि ये सभी गतिविधियाँ बिना लाइसेंस चल रही थीं।
मेयर खर्कवाल ने अवैध बिजली कनेक्शन तुरंत काटने के निर्देश दिए और इसे सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया।
कुछ लोगों ने खुद को असम के बारपेटा जिले का बताया और NRC दस्तावेज़ भी दिखाए, लेकिन मौके पर इनकी पुष्टि नहीं हो सकी। DCP ईस्ट शशांक सिंह ने कहा कि जिनके पास वैध दस्तावेज़ उस समय उपलब्ध नहीं थे, उन्हें पुलिस स्टेशन में बाद में प्रस्तुत करने को कहा गया है।
कार्रवाई के दौरान एक ज़मीन मालिक ने बताया कि जिस भूमि पर बस्ती बसी है, वह विवादित है और लंबे समय से अवैध कब्ज़े में है। कई आधार कार्डों में इसी भूमि का पता दर्ज पाया गया, जिससे दस्तावेज़ों की संभावित फर्जीवाड़े की संभावना भी सामने आई।
मेयर ने स्पष्ट कहा, किसी को भी विवादित जमीन पर कब्ज़ा करने या बिना अनुमति रहने का अधिकार नहीं।
नगर निगम ने बस्ती को 15 दिनों के भीतर खाली करने का नोटिस जारी किया है।