सिर्फ 124 पायलटों की कमी फिर भी 6 दिन का हंगामा? इंडिगो संकट पर अंदरूनी खुलासा चौंकाने वाला

सीनियर पायलट ने बताया—संकट प्राकृतिक नहीं, पूरी तरह रचा गया था; SOP तोड़कर सिस्टम को जानबूझकर गिराया गया ताकि नए सुरक्षा नियम वापस कराए जा सकें।

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  • केवल 124 पायलटों की कमी, लेकिन रोज 30–40% उड़ानें रद्द।
  • पायलट का आरोप—SOP तोड़कर कृत्रिम संकट खड़ा किया गया।
  • कोलकाता एयरपोर्ट में विमान दूर पार्क कर देरी बढ़ाने का आरोप।
  • पायलट अब फॉरेंसिक जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8 दिसंबर: देश पिछले छह दिनों से हवाई यात्रा की सबसे बड़ी अव्यवस्था झेल रहा है। हजारों उड़ानें रद्द हुईं, एयरपोर्ट की लाइनों में अफरातफरी मची और टिकटों के दाम आसमान पर पहुँच गए। आज हालात कुछ बेहतर दिखे, लेकिन इंडिगो ने फिर 200 से ज्यादा उड़ानें प्लान से बाहर कर दीं।

इसी बीच एयरलाइन के अंदर से जो जानकारी निकलकर आई है, उसने पूरे घटनाक्रम पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इंडिगो के एक वरिष्ठ पायलट ने नाम न बताने की शर्त पर दावा किया कि यह संकट पायलटों की कमी से नहीं बल्कि एक ‘सोची-समझी रणनीति’ से पैदा किया गया था।

सिर्फ 124 पायलटों की कमी, फिर भी रोज 30–40% उड़ानें रद्द क्यों?

पायलट का कहना है कि इंडिगो के पास कुल 4,551 पायलट हैं

  • 2,357 कैप्टन
  • 2,194 फर्स्ट ऑफिसर

कमी सिर्फ 124 पायलटों की थी, यानी लगभग 2.7%। ऐसे में 2,200 दैनिक उड़ानों में से केवल 5–7% प्रभावित होनी चाहिए थीं।

लेकिन अचानक 30–40% उड़ानें रोज रद्द होने लगीं, जो सामान्य स्थिति में संभव ही नहीं।

पायलट का सीधा आरोप है—
“ये प्राकृतिक संकट नहीं था, इसे जानबूझकर खड़ा किया गया ताकि सरकार पर दबाव बने और नए FDTL नियम वापस लिए जाएँ।”

SOP तोड़कर बनाया गया कृत्रिम संकट

पायलटों ने बताया कि वर्षों से चल रही ऑपरेटिंग व्यवस्था को अचानक उलट दिया गया—

1. स्टैंडबाय पायलट खाली छोड़े गए

जहाँ पहले 5–6 घंटे पहले कॉल जाती थी, अचानक यह समय घटाकर 1–2 घंटे कर दिया गया। इतने कम नोटिस में पायलट पहुँचना मुश्किल होता है, और उड़ान रद्द करनी पड़ती है।

2. कोलकाता एयरपोर्ट में बदला पूरा पैटर्न

जहाँ विमान पहले पास-पास पार्क होते थे, उन्हें जानबूझकर दूर-दराज “रिमोट बे” में खड़ा किया गया।
इससे ग्राउंड स्टाफ की आवाजाही धीमी हुई, बोर्डिंग में देरी बढ़ी और चेन रिएक्शन से कई उड़ानें ठप पड़ गईं।

3. प्रबंधन का उद्देश्य—गुस्सा बढ़ने दो

एक पायलट का दावा है—
“सिस्टम को गिराया गया ताकि यात्री भड़कें, मीडिया दबाव बनाए और सरकार सुरक्षा नियम कमज़ोर करे।”

पायलट संघ का आरोप—सुरक्षा से ऊपर प्रॉफिट

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सैम थॉमस ने इसे “लापरवाही नहीं, आपराधिक कृत्य” बताया।
उनका कहना है कि दो साल पहले घोषित सुरक्षा नियमों को हटवाने के लिए इतना बड़ा खेल रचा गया।

फॉरेंसिक जांच की माँग

अब पायलट इस पूरे विवाद की फॉरेंसिक जाँच की माँग कर रहे हैं।
उनका आरोप है कि—

  • SOP को तोड़ा गया,
  • रोस्टर खाली छोड़े गए,
  • और सिस्टम को गिराने की कोशिश की गई।

पायलटों का कहना है
“कमी 124 पायलटों की नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और ईमानदारी की थी।”

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