उड़ानों में मची अफरा–तफरी के बीच डीजीसीए ने बदला रोस्टर नियम

फ्लाइट संचालन में आ रही भारी देरी व रद्दीकरण के बीच एयरलाइंस को मिली राहत, साप्ताहिक आराम के बदले छुट्टी न देने वाला नियम रद्द।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • DGCA ने 20 जनवरी 2025 के आदेश का विवादित पैराग्राफ वापस लिया
  • एयरलाइंस के अनुरोध और ऑपरेशनल दबाव को देखते हुए लिया गया फैसला
  • नए FDTL नियमों से पायलट उपलब्धता पर बढ़ा था दबाव
  • DGCA ने पायलटों से कोहरे व त्योहारी सीजन के बीच सहयोग की अपील की

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 05 दिसंबर: इंडिगो और अन्य एयरलाइंस के परिचालन में दो दिनों से चल रहे बड़े व्यवधान के बीच DGCA ने वह आदेश वापस ले लिया है, जिसने रोस्टर व्यवस्था को और जटिल बना दिया था। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्थिति की जानकारी गृह मंत्री अमित शाह को दी, जिसके बाद नियामक ने तुरंत प्रभाव से यह निर्णय लिया।

यह आदेश DGCA के पत्र DGCA-22011/04/2021-FSD दिनांक 20.01.2025 में दिए गए उस प्रावधान से संबंधित था, जिसमें कहा गया था कि साप्ताहिक आराम के बदले कोई छुट्टी प्रतिस्थापित नहीं की जाएगी। यही प्रावधान एयरलाइंस के रोस्टर प्रबंधन में बाधा बन रहा था, खासकर तब जब नए FDTL नियम पहले से ही पायलट उपलब्धता पर दबाव बढ़ा रहे थे।

क्यों लिया गया यह फैसला?

DGCA को विभिन्न एयरलाइंस से आग्रह मिला था कि लगातार बढ़ रहे परिचालन दबाव—जैसे मौसम संबंधी बाधाएँ, तकनीकी चुनौतियाँ और FDTL नियमों का प्रभाव, से निपटने के लिए रोस्टर लचीलापन अत्यंत आवश्यक है। इसलिए नियामक ने समीक्षा कर उस प्रावधान को वापस लेने का निर्णय किया।

कौन सा नियम हुआ रद्द?

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय DGCA ने 20 जनवरी 2025 के पत्र का वह पैराग्राफ रद्द किया है जिसमें स्पष्ट था कि साप्ताहिक आराम के बदले कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी। यह राहत एयरलाइंस पर रोस्टर बनाने का दबाव कम करेगी और संचालन को स्थिर करेगी। आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।

क्या है रोस्टर क्राइसिस?

इंडिगो द्वारा हाल के दिनों में बड़े पैमाने पर देरी और रद्दीकरण देखने को मिले। एयरलाइन ने मौसम, तकनीकी दिक्कतों और नए उड़ान ड्यूटी समय सीमाएँ FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियमों को मुख्य कारण बताया। इन नियमों के तहत,

  • पायलटों का साप्ताहिक आराम बढ़ाकर 48 घंटे किया गया
  • रात के दौरान लैंडिंग की सीमा 6 से घटाकर 2 कर दी गई
  • देर रात फ्लाइट ड्यूटी समय भी सीमित कर दिया गया

इन बदलावों से पायलटों की उपलब्धता पर सीधा असर पड़ा।

हालाँकि, फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स का कहना है कि अन्य एयरलाइंस पर इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं, इसलिए अकेले FDTL नियमों को दोष नहीं दिया जा सकता।

DGCA की पायलटों से अपील

चूँकि कोहरे और छुट्टियों का मौसम नजदीक है, DGCA ने पायलटों से सहयोग की अपील की है। नियामक ने चेतावनी दी कि पीक ट्रैवल सीजन में देरी बढ़ सकती है, और ऐसे समय में पायलट–एयरलाइन समन्वय बेहद आवश्यक है।
DGCA ने दोहराया कि उसका उद्देश्य यात्री सुरक्षा, FDTL नियमों का पालन और सुचारु उड़ान संचालन सुनिश्चित करना है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.