बाबरी मस्जिद निर्माण की घोषणा पर टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर सस्पेंड
6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखने की घोषणा के बाद तृणमूल कांग्रेस ने की कड़ी कार्रवाई, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी नाराज़
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मुर्शिदाबाद के विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखने का ऐलान किया था।
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TMC ने विवाद से बचने के लिए कबीर को पार्टी से तुरंत निलंबित किया।
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बीजेपी ने आरोप लगाया कि सरकार पर्दे के पीछे से कबीर का समर्थन कर रही थी।
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माना जा रहा है कि कबीर अपनी अलग राजनीतिक पहचान और पार्टी बनाने की कोशिश में हैं।
समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 4 दिसंबर: तृणमूल कांग्रेस ने मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर विधानसभा से विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई उस विवाद के बाद हुई, जिसमें कबीर ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखने की घोषणा कर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके इस कदम से बेहद नाराज़ थीं। कबीर ने दावा किया था कि नींव रखने के समय ममता बनर्जी सहित TMC के कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे। पार्टी ने तुरंत इस दावे से दूरी बना ली और साफ कहा कि यह विधायक का निजी एजेंडा था।
TMC नेताओं का कहना है कि कबीर ने आगामी विधानसभा चुनाव में विधायकी टिकट के दबाव के लिए इस मुद्दे को उछाला, लेकिन यह दांव उलटा पड़ गया। कबीर ने यहां तक कह दिया था कि बंगाल पुलिस भी उन्हें रोक नहीं पाएगी, जिससे विवाद और बढ़ गया।
मुर्शिदाबाद जिले की 19 सीटों में बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता हैं। कबीर बेलडांगा क्षेत्र में बाबरी मस्जिद की बुनियाद रखने पर अड़े हुए थे। TMC को आशंका थी कि यह विवाद चुनाव से पहले हिन्दू भावनाओं को आहत कर सकता है और बीजेपी को बड़ा मुद्दा मिल सकता है। इसी कारण पार्टी ने शुरुआत से ही कबीर से दूरी बनाए रखी।
वहीं, बीजेपी इस मुद्दे पर लगातार TMC को घेर रही थी। शुभेंदु अधिकारी सहित कई नेताओं ने आरोप लगाया कि ममता सरकार पर्दे के पीछे से कबीर को समर्थन दे रही है, यह “मुस्लिम तुष्टीकरण” की रणनीति है।
सियासी हलकों में यह भी चर्चा है कि हुमायूं कबीर खुद को “बंगाल का ओवैसी” बनाने की कोशिश कर रहे हैं और अपनी अलग राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने की तैयारी में हैं। माना जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी AIMIM भी बंगाल में 35–40 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है। ऐसे में कबीर की यह महत्वाकांक्षा TMC के लिए चुनाव से पहले बड़ा नुकसान बन सकती थी।
इसीलिए पार्टी ने रैली से ठीक पहले उन्हें सस्पेंड कर नुकसान नियंत्रित करने की कोशिश की।