भारत के एयरपोर्टों पर अफरातफरी: इंडिगो की उड़ानें लगातार रद्द, हजारों यात्री बेहाल
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो तीन दिनों से स्टाफ कमी और नए FDTL नियमों की वजह से बड़े ऑपरेशनल संकट में, हजारों यात्री घंटों से एयरपोर्ट पर फंसे।
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तीन दिनों में 400 से अधिक इंडिगो फ्लाइटें रद्द, 7–8 घंटे की भारी देरी लगातार
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दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद में हजारों यात्री 12–14 घंटे तक फंसे
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स्टाफ की कमी, नए FDTL नियम, मौसम और ATC दबाव को कारण बताया गया
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इंडिगो ने 48 घंटे के लिए बदला फ्लाइट शेड्यूल, यात्रियों को रिफंड व री-बुकिंग का विकल्प
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 दिसंबर:भारत के प्रमुख शहरों—दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और अहमदाबाद—में पिछले तीन दिनों से एयरपोर्ट पर अभूतपूर्व अव्यवस्था देखने को मिल रही है। इंडिगो की बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द और देरी से चलते हुए यात्रियों की परेशानी चरम पर पहुँच गई।
केवल तीन दिनों में 400 से अधिक फ्लाइटें रद्द करनी पड़ीं और गुरुवार को ही 170 उड़ानें रद्द होने की पुष्टि हुई। बुधवार को दोपहर तक देशभर में लगभग 200 उड़ानें रद्द हुई थीं।
12–14 घंटे का इंतजार, एयरपोर्ट पर हाहाकार
हजारों यात्रियों को बिना किसी स्पष्ट सूचना के लगातार 12–14 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के साथ आए यात्रियों ने बताया कि इंडिगो की ओर से बस “थोड़ा इंतजार करें, स्टाफ आ रहा है” जैसी जानकारी मिलती रही।
हैदराबाद एयरपोर्ट पर एक यात्री 15 घंटे तक फंसा रहा। उसने बताया कि वह 3 दिसंबर की शाम 6 बजे पहुंचा था, लेकिन 4 दिसंबर सुबह 9 बजे तक भी उसकी उड़ान का कोई अता–पता नहीं था।
5 शहरों की स्थिति — किस एयरपोर्ट पर कितना संकट?
बेंगलुरु एयरपोर्ट: 73 इंडिगो फ्लाइटें रद्द
दिल्ली एयरपोर्ट: 30 उड़ानें रद्द, बैगेज सिस्टम फेल से और अव्यवस्था
हैदराबाद एयरपोर्ट: 33 उड़ानें रद्द, 12–15 घंटे तक फंसे यात्री
मुंबई एयरपोर्ट: हजारों की भीड़, बड़े पैमाने पर देरी और रद्द उड़ानें
अहमदाबाद एयरपोर्ट: कई उड़ानें कैंसल, री-शेड्यूल की लंबी लिस्ट
इंडिगो की OTP 19.7% तक गिर गई – अभूतपूर्व गिरावट
इंडिगो, जिसकी पहचान समय पर उड़ान भरने (OTP) के लिए होती है, उसकी OTP लगातार गिरकर सिर्फ 19.7% रह गई।
2 दिसंबर को इंडिगो की केवल 35% उड़ानें ही समय पर थीं,
3 दिसंबर को यह आंकड़ा 20% पर आ गया।
यह इंडिगो के संचालन इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट में से एक मानी जा रही है।
क्रू की भारी कमी और नए FDTL नियम संकट का बड़ा कारण
एयरलाइन पिछले एक महीने से नए FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियमों के कारण गहरी स्टाफ कमी का सामना कर रही है।
DGCA द्वारा लागू किए गए इन नियमों के अनुसार—
- पायलट कितने घंटे उड़ान भर सकता है
- कितनी ड्यूटी अवधि होगी
- अनिवार्य आराम अवधि कितनी होगी
इन सभी पर कड़े मानक लागू हुए हैं, ताकि क्रू की थकान और सुरक्षा से जुड़े जोखिम कम हों।
लेकिन नए नियम लागू होने के बाद अचानक क्रू प्लानिंग बिगड़ गई और ड्यूटी शेड्यूल में भारी दबाव बढ़ गया।
क्या है FDTL – सरल भाषा में?
यह नियम उड़ान क्रू को यह सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं कि वे अत्यधिक काम से थके न हों।
ये तय करते हैं कि—
- पायलट एक दिन में अधिकतम कितनी उड़ान भर सकता है
- कितने घंटे की ड्यूटी के बाद अनिवार्य आराम होगा
- रात और दिन की उड़ानों के हिसाब से ड्यूटी कैसे तय होगी
इंडिगो के मुताबिक नए नियम लागू होने के बाद अचानक क्रू उपलब्धता अत्यधिक प्रभावित हुई।
एयरलाइन स्टाफ कमी से जूझती रही, कई उड़ानें क्रू के बिना रद्द
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि इंडिगो कई उड़ानों के लिए केबिन क्रू ही उपलब्ध नहीं कर पा रही थी, इसलिए उड़ानें सीधा रद्द करनी पड़ीं।
कई बार पायलट उपलब्ध था लेकिन केबिन क्रू नहीं, और कई बार उल्टा।
एयरलाइन क्रू को अलग-अलग शहरों में भेजकर स्थिति संभालने की कोशिश करती रही, लेकिन कमी इतनी गंभीर थी कि हालात बिगड़ते चले गए।
तकनीकी दिक्कतें और मौसम भी संकट को बढ़ा गए
इंडिगो ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि सिर्फ स्टाफ की कमी ही नहीं, बल्कि,
- छोटी-छोटी तकनीकी समस्याएं
- सर्दियों में बदले हुए शेड्यूल
- खराब मौसम
- हवाई यातायात (ATC) का बढ़ा दबाव
इन सब कारणों ने भी उड़ानों को प्रभावित किया।
दिल्ली एयरपोर्ट पर बैगेज मैसेजिंग सिस्टम फेल होने से यात्रियों में और नाराज़गी देखी गई।
इंडिगो का 48 घंटे का नया शेड्यूल — स्थिति सामान्य करने की कोशिश
एयरलाइन ने कहा कि अगले 48 घंटों के लिए शेड्यूल में बदलाव किया जा रहा है ताकि
क्रू पर दबाव कम हो
उड़ानें सुनियोजित तरीके से संचालित हों
यात्रियों की परेशानी कम हो सके
प्रभावित यात्रियों को
- फ्री री-शेड्यूलिंग
- या पूरा रिफंड
का विकल्प दिया जा रहा है।
भारत का सबसे व्यस्त यात्रा समय — समस्या और गंभीर हुई
यह संकट ऐसे समय में आया है जब देश में रोजाना 5 लाख से अधिक घरेलू यात्री हवाई सफर कर रहे हैं।
इंडिगो के पास घरेलू मार्केट का 60% से अधिक हिस्सा है।
जब इतनी बड़ी एयरलाइन की उड़ानें प्रभावित होती हैं, तो इसका असर पूरे देश की उड़ान व्यवस्था पर पड़ता है।
इसीलिए रद्दीकरण का रिपल इफेक्ट कई दिनों तक चलता रहा।
DGCA ने इंडिगो को तलब किया, विस्तृत रिपोर्ट मांगी
DGCA ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इंडिगो को मुख्यालय बुलाया है और ऑपरेशनल प्लान की पूरी जानकारी मांगी है।
नियमक संस्था ने एयरलाइन को निर्देश दिया है कि—
- क्रू प्लानिंग सुधारे
- ATC और एयरपोर्ट के साथ समन्वय मजबूत करे
- टर्नअराउंड प्रक्रिया तेज करे
इसके अलावा नए FDTL नियमों का पालन करते हुए क्रू की उपलब्धता सुनिश्चित करने की गाइडेंस भी दी गई है।
नवंबर में 1,232 उड़ानें रद्द, आधिकारिक आंकड़े चौंकाते हैं
DGCA के अनुसार नवंबर में ही इंडिगो ने 1,232 उड़ानें रद्द कीं।
इनमें से,
- 755 उड़ानें FDTL और क्रू कमी की वजह से
- 92 ATC सिस्टम फेलियर
- 258 एयरपोर्ट/एयरस्पेस प्रतिबंध
- 127 अन्य कारणों से रद्द हुईं
ये आंकड़े बताते हैं कि इंडिगो पिछले एक महीने से लगातार बढ़ते दबाव में काम कर रही थी और दिसंबर की शुरुआत में स्थिति और बिगड़ गई।