‘मैंने इडली दी, डीके ने देसी मुर्गी खिलाई’: सिद्दारमैया

CM पद की खींचतान के बीच दोनों नेताओं ने की दूसरी 'ब्रेकफास्ट मीटिंग'; कहा- हाईकमान का हर फैसला मान्य होगा

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  • दोस्ती का प्रतीक: मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि जब शिवकुमार मेरे घर आए थे, तो मैंने उन्हें इडली-डोसा (शाकाहारी) खिलाया था, और आज सिद्दारमैया देसी मुर्गी (मांंसाहारी) खाकर गए हैं।
  • राजनीतिक एजेंडा: दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि ब्रेकफास्ट के दौरान सीएम की कुर्सी पर कोई चर्चा नहीं हुई, बल्कि आगामी विधानसभा सत्र की रणनीति और केंद्र से फंड लेने की योजना पर बात हुई।
  • एकजुटता का दावा: दोनों ने दोहराया कि वे ‘हमेशा भाई हैं’, एक पार्टी में हैं, एक सिद्धांत मानते हैं, और आलाकमान (राहुल, सोनिया, खरगे) का हर फैसला मानेंगे।

समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु, 2 दिसंबर: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच चल रही सत्ता-साझाकरण की अटकलों को शांत करने के लिए आज एक और ‘ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी’ देखने को मिली। सीएम सिद्दारमैया मंगलवार को उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के आवास पर नाश्ते के लिए पहुंचे। मुलाकात के बाद, सिद्दारमैया ने संवाददाताओं से बातचीत में खाने के मेन्यू को लेकर हल्की-फुल्की टिप्पणी की, जिसने राजनीतिक तनाव को कम करने का प्रयास किया।

मेन्यू के बहाने एकजुटता का संदेश

पिछले दो दिनों में यह दूसरी ऐसी मुलाकात है, जिसे पार्टी आलाकमान के निर्देश पर दोनों नेताओं द्वारा एकजुटता दर्शाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। जब पत्रकारों ने मुलाकात और मेन्यू के बारे में पूछा, तो सीएम सिद्दारमैया ने मजेदार ढंग से जवाब दिया, जिससे माहौल हल्का हो गया।

मुख्यमंत्री ने कहा:

“मैं नॉन-वेज हूं, वो (डीके शिवकुमार) वेज हैं। मैंने तो इन्हें (शिवकुमार को) इडली-डोसा खिलाया, और इन्होंने मुझे देसी मुर्गी खिलाई।”

यह टिप्पणी शिवकुमार की ओर से मुख्यमंत्री के मांसाहारी (नॉन-वेज) होने के बावजूद, उनके लिए विशेष रूप से देसी मुर्गी की व्यवस्था करने की ओर इशारा करती है। यह न केवल शिष्टाचार का संकेत है, बल्कि दोनों नेताओं के बीच निजी संबंधों को बेहतर दिखाने का एक प्रयास भी माना जा रहा है, भले ही उनके राजनीतिक खेमों में खींचतान हो।

चर्चा का विषय: सदन और केंद्र का फंड

सिद्दारमैया और शिवकुमार दोनों ने जोर देकर कहा कि उनकी मुलाकात का उद्देश्य सीएम कुर्सी पर खींचतान को खत्म करना और सरकार के कामकाज पर ध्यान केंद्रित करना था।

शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने एमएलसी, विधानसभा, पार्टी और सरकार से जुड़ी विभिन्न बातों पर चर्चा की है। सीएम सिद्दारमैया ने भी यही बात दोहराई: “हमने ब्रेकफास्ट पर कोई चर्चा नहीं की, इसके बाद एसेम्बली सेशन 8 दिसंबर से शुरू हो रहा है। हमको क्या रणनीति बनानी है, इसपर बात की।”

केंद्र से फंडिंग एक अन्य प्रमुख मुद्दा था। सीएम ने घोषणा की कि वे 8 दिसंबर को दिल्ली जाकर सभी कर्नाटक सांसदों से मुलाकात करेंगे, ताकि केंद्र सरकार से राज्य के कार्यक्रमों के लिए फंड कैसे लिया जाए, इस पर रणनीति बनाई जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मौका मिला तो वे कांग्रेस हाईकमान से भी मिलेंगे।

विपक्ष ने कहा ‘कर्नाटक का नाटक’

जहां कांग्रेस नेता एकजुटता का दावा कर रहे हैं, वहीं विपक्ष ने इन मुलाकातों को राजनीतिक स्टंट करार दिया है।

भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई ने तंज कसते हुए कहा, “यह तो बस एक टीज़र है, कांग्रेस की हालत दिखाने वाली पूरी पिक्चर जल्द ही सामने आएगी।” उन्होंने सवाल किया कि “अगर सीएम और डिप्टी सीएम ब्रेकफास्ट मीटिंग में बिजी रहेंगे, तो वे लोगों की भलाई के लिए कब काम करेंगे? ‘कर्नाटक का नाटक’ जल्द खत्म होना चाहिए।” बोम्मई ने यह भी पूछा कि कांग्रेस का हाईकमान कहां है, यह तो बस एक ‘फैमिली मैटर’ जैसा लगता है।

बहरहाल, दोनों नेताओं का यह लगातार दूसरा सार्वजनिक मिलन और सिद्दारमैया देसी मुर्गी वाला बयान यह संकेत देता है कि फिलहाल दोनों नेताओं ने पार्टी आलाकमान के सामने एकजुट होकर काम करने का फैसला लिया है।

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