प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार बने स्पीकर; विपक्ष ने भी किया समर्थन, बोले- नियमावली से चलेगा सदन
- निर्विरोध चुनाव: भाजपा के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गए।
- विपक्ष का समर्थन: विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक राहुल कुमार ने आधिकारिक तौर पर सदन में घोषणा की कि उनका कोई उम्मीदवार नहीं है और वे प्रेम कुमार जी के नाम के साथ हैं।
- दायित्व: प्रेम कुमार ने कहा कि वे दी गई जिम्मेदारी का निर्वहन नियमावली के तहत करेंगे और लोकतंत्र में सभी सदस्यों का सम्मान सुनिश्चित करेंगे।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 2 दिसंबर: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन एक महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रक्रिया पूरी हुई, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुन लिए गए हैं। 18वीं विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए हुए इस निर्वाचन में सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों ने भी उनके नाम का समर्थन किया, जिसने बिहार की राजनीति में एक सौहार्दपूर्ण संदेश दिया है।
सर्वसम्मति से हुआ निर्वाचन
सोमवार को नामांकन दाखिल करने के साथ ही डॉ. प्रेम कुमार की जीत लगभग तय हो गई थी, क्योंकि विपक्ष ने अपने कम संख्या बल के कारण कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। मंगलवार को सदन में औपचारिक निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हुई। प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने निर्वाचन की कार्यवाही का संचालन किया।
विपक्षी दल राजद के विधायक राहुल कुमार ने सदन के भीतर प्रेम कुमार के नाम का समर्थन किया, जिससे उनका निर्वाचन निर्विरोध हो गया। इस सर्वसम्मति से हुए निर्वाचन ने सदन में राजनीतिक परिपक्वता और संवैधानिक गरिमा के प्रति सम्मान का माहौल बनाया।
निवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने प्रेम कुमार को बधाई दी और उन्हें आसन तक पहुंचाया।
प्रेम कुमार का संकल्प: ‘सबका सम्मान होगा’
विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद प्रेम कुमार ने विधानसभा पोर्टिको में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कीं। उन्होंने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उसका निर्वहन वह पूरी निष्ठा से करेंगे।
उन्होंने लोकतंत्र के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों का महत्व है। मैं दोनों को साथ लेकर नियमावली के तहत काम करूंगा और सदन के सभी सदस्यों के सम्मान का ध्यान रखा जाएगा।” उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया।
यह तीसरा अवसर है जब भाजपा कोटे से किसी नेता को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष पद मिला है, इससे पहले विजय कुमार सिन्हा और नंदकिशोर यादव इस पद को संभाल चुके हैं। वहीं, एनडीए गठबंधन में यह सहमति बन चुकी थी कि जेडीयू को मुख्यमंत्री पद मिलने के बाद स्पीकर का पद भाजपा को दिया जाएगा।
सत्र में हुए अन्य महत्वपूर्ण कार्य
शीतकालीन सत्र के पहले दिन (सोमवार) कुल 235 नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ली थी, जबकि 7 विधायक अनुपस्थित रहे थे।
भाषागत विविधता: इस दौरान 26 विधायकों ने हिंदी के अलावा मैथिली, उर्दू, संस्कृत और अंग्रेजी में शपथ ली, जो बिहार की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
प्रशिक्षण कार्यशाला: विधानसभा में पहली बार चुनकर आए 100 से अधिक नए सदस्यों के लिए सदन की कार्यप्रणाली से अवगत कराने के लिए एक विशेष कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसमें उन्हें प्रश्नकाल, शून्यकाल और अन्य विधायी प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन के साथ ही अब सदन विधिवत रूप से अपनी विधायी कार्यवाही की ओर बढ़ेगा।