राजनाथ सिंह ने पूछा मैथ्स का सवाल, सोच में पड़ गए 660 ट्रेनी आईएएस
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मसूरी स्थित LBSNAA में 100वें फाउंडेशन कोर्स के समापन पर ट्रेनी IAS से गणित का सवाल पूछा, गलत जवाब मिलने पर फिर से प्रयास करने को कहा।
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राजनाथ सिंह ने लाइव इंटरेक्शन के दौरान ट्रेनी IAS से एक गणित का सवाल पूछा।
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पहले प्रयास में एक अधिकारी ने 3000 बताया, जिसे रक्षामंत्री ने गलत कहा।
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दूसरे ट्रेनी IAS ने सही जवाब 600 बताया, जिस पर राजनाथ सिंह ने समाधान समझाया।
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रक्षामंत्री ने कहा, आस्था और विश्वास कई समस्याओं का समाधान दे सकता है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 01 दिसंबर: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) पहुंचे, जहां उन्होंने 100वें फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। 19 सिविल सर्विसेज के कुल 660 ऑफिसर ट्रेनी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन के दौरान प्रशासनिक सेवा की जिम्मेदारियों, संवेदनशीलता और निर्णय क्षमता पर विस्तार से बात की। लेकिन इसी बीच उन्होंने पूरे सभागार को चौंका देने वाला एक गणित का सवाल पूछ लिया, जो कार्यक्रम का सबसे दिलचस्प पल बन गया।
उन्होंने सभा से पूछा,
“किसी व्यक्ति के पास इतनी राशि थी कि उसने उसका आधा A को दे दिया, वन थर्ड B को दे दिया और जो बचा वह 100 पैसा C को दे दिया। बताइए टोटल अमाउंट कितना था?”
सवाल सुनते ही सभागार में अचानक खामोशी फैल गई। कई ट्रेनी IAS एक-दूसरे को देखने लगे, क्योंकि यह गणित का सवाल किसी ने उम्मीद नहीं की थी। रक्षामंत्री ने दोबारा सवाल दोहराया, बिल्कुल एक प्रोफेसर की तरह ताकि सबको स्पष्ट सुनाई दे।
कुछ सेकंड बाद एक ट्रेनी अधिकारी ने उत्तर दिया, “3000”।
यह सुनकर राजनाथ सिंह हल्के से मुस्कुराए, सिर हिलाया और बोले, “गलत। दोबारा कोशिश करिए।”
उनके इस जवाब ने माहौल थोड़ा हल्का कर दिया, और सभागार में हल्की हंसी गूँज गई।
इसके बाद एक और आवाज पीछे से आई, “सिक्स हंड्रेड!”
इस बार रक्षामंत्री तुरंत बोले— “बिल्कुल सही।”
इसके बाद उन्होंने पूरी गणितीय प्रक्रिया बोर्ड पर लिखने की तरह समझाई,
- मान लेते हैं कि कुल राशि = A
- A को दी गई राशि = A/2
- B को दी गई राशि = A/3
दोनों का योग = 5A/6
बाकी बची राशि = A – 5A/6 = 100
इसलिए A = 100 × 6 = 600
गणितीय समाधान बताने के बाद राजनाथ सिंह ने इस सवाल को एक गहरे संदेश से जोड़ा। उन्होंने कहा कि जैसे हमने मान लिया कि कुल राशि ‘A’ है, वैसे ही कभी-कभी जीवन और प्रशासनिक निर्णयों में आस्था और विश्वास बड़ा काम करते हैं।
उन्होंने कहा,
“कभी-कभी हमें किसी चीज़ का समाधान इसलिए मिलता है क्योंकि हम मान लेते हैं कि समाधान है। आस्था और विश्वास से भी कई समस्याएँ हल होती हैं, होती आई हैं और आगे भी होती रहेंगी।”
उनका यह संदेश पूरे सभागार में मौजूद युवा अधिकारियों के लिए एक प्रेरक सीख की तरह था।
कार्यक्रम के दौरान राजनाथ सिंह ने देश की सुरक्षा, सुशासन, पारदर्शिता और जन-सेवा के मूल्यों पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि प्रशासनिक सेवा केवल पद का नाम नहीं, बल्कि जनता के प्रति जिम्मेदारी का वचन है। उन्होंने अधिकारियों को संवेदनशील, निर्णायक और निष्पक्ष बनने की सलाह दी।
LBSNAA में 100वां फाउंडेशन कोर्स इस साल 25 अगस्त को शुरू हुआ था और 14 सप्ताह तक चला। 28 नवंबर को इसके समापन के साथ यह बैच अब अपनी-अपनी सर्विस और कैडर प्रशिक्षण के अगले चरण में जाएगा। राजनाथ सिंह का यह संबोधन ट्रेनी IAS के लिए न केवल एक औपचारिक कार्यक्रम था, बल्कि एक सीख और प्रेरणा से भरा सत्र भी बन गया, जिसे कई अधिकारी वर्षों तक याद रखेंगे।