SIR बहस पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
राज्यों की आपत्तियों के बीच CJI ने कहा—जमीनी स्थिति अलग, चुनाव आयोग पर अव्यवस्था का आरोप
- सुप्रीम कोर्ट में SIR (स्टेटवाइज इलेक्टोरल रेशन) प्रणाली पर सुनवाई के दौरान तीखी बहस।
- कई राज्यों ने EC पर अव्यवस्था और गलत प्रस्तुति के आरोप लगाए।
- CJI ने कहा—EC की प्रक्रिया जमीनी हकीकत दिखाती है, आरोपों में ठोस आधार नहीं।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को SIR (स्टेटवाइज इलेक्टोरल रेशन) बहस को लेकर हुई सुनवाई के दौरान तीखी बहस देखने को मिली। कई राज्यों ने चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नए SIR मॉडल के कारण राज्य स्तर पर भ्रम और अव्यवस्था फैल रही है। वहीं, मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने राज्यों की दलीलों को चुनौती देते हुए कहा कि जमीनी स्थिति राज्यों के दावों से बिल्कुल अलग है।
राज्यों ने लगाए अव्यवस्था के आरोप
सुनवाई के दौरान कई राज्यों ने अदालत को बताया कि SIR मॉडल के चलते वास्तविक मतदाता सूची और अंतिम आंकड़ों में बड़ा अंतर दिख रहा है। उनका कहना था कि चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तुत आंकड़े “अव्यवस्थित, अप्रासंगिक और अधूरी जानकारी पर आधारित” हैं। कुछ राज्यों ने तो यह तक कहा कि EC राज्यों के साथ परामर्श किए बिना ही डेटा अपडेट कर रहा है, जिससे प्रशासनिक परेशानियाँ बढ़ रही हैं।
CJI ने जताई कड़ी आपत्ति
मुख्य न्यायाधीश ने राज्यों के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए पूछा कि क्या इनके पास ऐसे आरोपों का कोई ठोस सबूत है। CJI ने कहा—
“जमीनी स्थिति बिल्कुल अलग है। कोर्ट को केवल आरोप नहीं चाहिए, बल्कि तथ्यों पर आधारित दस्तावेजी प्रमाण चाहिए।”
उन्होंने राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा कि केवल राजनीतिक आपत्तियों के आधार पर किसी संवैधानिक निकाय की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।
EC ने बताया—प्रक्रिया पारदर्शी और वैज्ञानिक
चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि SIR प्रणाली पूरी तरह वैज्ञानिक और पारदर्शी ढंग से लागू की गई है। उन्होंने कहा कि SIR का उद्देश्य राज्यों के बीच मतदाताओं की संख्या के समानुपात में संतुलन स्थापित करना है, ताकि चुनावी प्रक्रिया और अधिक सटीक हो सके। EC ने राज्यों के आरोपों को “तथ्यहीन और भ्रामक” बताया।
अदालत ने मांगा विस्तृत डेटा
सुप्रीम कोर्ट ने EC से कहा कि वह अगले सात दिनों में विस्तृत राज्यवार डेटा, अपडेट प्रक्रिया और सत्यापन पद्धति की रिपोर्ट पेश करे। साथ ही राज्यों से भी कहा गया है कि वे अपने आरोपों के समर्थन में ठोस दस्तावेज पेश करें।
क्या है SIR बहस?
SIR प्रणाली का उद्देश्य प्रत्येक राज्य में मतदाताओं के अनुपात को अधिक सटीक बनाना है। इसके तहत वास्तविक आबादी, प्रवासन, और वोटर अपडेटेशन की प्रक्रिया को डिजिटल रूप से मजबूत किया जाता है। कई राज्यों को आशंका है कि इससे राजनीतिक समीकरण प्रभावित हो सकते हैं।
फिलहाल विवाद बढ़ गया है और अगली सुनवाई में मामला और स्पष्ट होने की उम्मीद है।