जस्टिस गवई से मिले गले, हिंदी में ली शपथ, भारत को मिला नया CJI सूर्यकांत
राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ, 6 देशों के शीर्ष जजों की मौजूदगी ने समारोह को बनाया ऐतिहासिक
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जस्टिस सूर्यकांत ने हिंदी में पद और गोपनीयता की शपथ ली
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पूर्व CJI बी.आर. गवई से गले मिलकर दिया भावनात्मक संदेश
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छह देशों के मुख्य न्यायाधीश रहे उपस्थित, पहली बार इतना बड़ा विदेशी प्रतिनिधिमंडल
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कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक, कई ऐतिहासिक फैसलों में निभाई अहम भूमिका
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 24 नवंबर: राष्ट्रपति भवन में सोमवार सुबह एक ऐतिहासिक पल दर्ज किया गया, जब जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। खास बात यह रही कि उन्होंने शपथ हिंदी में लेकर इस औपचारिक अवसर को और भी खास बना दिया।
शपथ पूरी होते ही जस्टिस सूर्यकांत अपने पूर्ववर्ती CJI जस्टिस बी.आर. गवई की ओर बढ़े और उनसे गले मिलकर गर्मजोशी भरा अभिवादन किया। समारोह में उपस्थित लोगों ने इस भावनात्मक क्षण को खूब सराहा।
विदेशी न्यायिक प्रतिनिधिमंडल ने बढ़ाई शोभा
इस बार का शपथ ग्रहण कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीशों और सुप्रीम कोर्ट के जजों ने समारोह में हिस्सा लिया। किसी भारतीय CJI के शपथ ग्रहण में इतने बड़े विदेशी न्यायिक प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी पहली बार देखी गई।
2027 तक रहेगा कार्यकाल
हरियाणा के हिसार जिले के पेटवार गांव में 10 फरवरी 1962 को जन्मे जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक चलेगा। एक साधारण शिक्षक परिवार से आने वाले सूर्यकांत बचपन में ग्रामीण माहौल में पले-बढ़े। गांव के स्कूल में बिना बेंचों के पढ़ाई करने से लेकर देश की सर्वोच्च न्यायिक कुर्सी तक पहुंचने की उनकी यात्रा प्रेरणादायक मानी जाती है।
शिक्षा और शुरुआती करियर
उन्होंने हिसार के गवर्नमेंट पीजी कॉलेज से ग्रेजुएशन और रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से 1984 में कानून की डिग्री ली। उसी साल हिसार की जिला अदालत से वकालत शुरू की। 1985 में वे चंडीगढ़ आकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे।
- जुलाई 2000: हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल नियुक्त
- मार्च 2001: सीनियर एडवोकेट बने
- 2004: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के स्थायी जज
- 2018: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
- 2019: सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए
सुप्रीम कोर्ट में दिए महत्वपूर्ण फैसले
सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में उन्होंने लगभग 80 महत्वपूर्ण फैसले लिखे।
इनमें शामिल हैं,
- एएमयू से जुड़े 1967 के फैसले को खारिज करने का निर्णय
- नागरिकता अधिनियम की धारा 6A पर सुनवाई
- दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने का आदेश
- पेगासस स्पाइवेयर मामले की सुनवाई, जिसमें साइबर विशेषज्ञों की जांच समिति गठित की गई
उनकी पीठ ने यह भी स्पष्ट किया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर राज्य को ‘फ्री पास’ नहीं दिया जा सकता।