यूपी में अवैध घुसपैठ पर कड़ा रुख,हर जिले में बनाए जाएंगे अस्थायी आवास केंद्र
सीएम योगी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए—घुसपैठियों की पहचान तेज करें, जांच पूरी होने तक उन्हें अस्थायी आवास केंद्र में रखा जाए।
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जिलों में पहचान अभियान को तेज करने का आदेश
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अवैध विदेशियों के लिए अस्थायी आवास केंद्र
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सत्यापन पूरा होने तक वहीं रखा जाएगा
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प्रक्रिया पूरी होने पर देश वापसी की कार्यवाही
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 22 नवंबर:उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई को और कड़ा करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि हर जिले में घुसपैठियों की पहचान को प्राथमिकता दी जाए और ऐसे मामलों को बिलकुल नज़रअंदाज़ न किया जाए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी। इसलिए जिलों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि अपने-अपने क्षेत्रों में मौजूद अवैध प्रवासियों की पहचान कर, नियमानुसार उनकी जांच और कार्रवाई तुरंत शुरू करें।
सरकार ने यह भी तय किया है कि जिन विदेशी नागरिकों के दस्तावेज़ संदिग्ध हों या जो अवैध रूप से प्रदेश में रह रहे हों, उन्हें जांच की पूरी अवधि तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। ये सेंटर प्रत्येक जिले में अस्थायी रूप से बनाए जाएंगे, ताकि सत्यापन प्रक्रिया व्यवस्थित ढंग से पूरी की जा सके।
जांच पूरी होने के बाद, इन विदेशी नागरिकों को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उनके मूल देश वापस भेजा जाएगा। यूपी नेपाल से खुली सीमा साझा करता है, जहाँ दोनों देशों के नागरिकों का आवागमन आसान है, लेकिन अन्य देशों के व्यक्तियों पर सख्त जांच जारी रहेगी।
हाल ही में बिहार चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यदि एनडीए सत्ता में लौटता है, तो घुसपैठियों को प्रदेश से बाहर निकालने और उनकी अवैध संपत्ति गरीबों के हित में अधिग्रहित करने की कार्रवाई की जाएगी।