कर्नाटक में 67 करोड़ रुपये के मुस्लिम सामुदायिक भवनों को लेकर बीजेपी का हमला
बीजेपी ने कहा—सरकार किसानों, स्कूलों और पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की अनदेखी कर केवल वोट बैंक को खुश करने में लगी है।
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कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम कम्युनिटी हॉल्स के लिए 67 करोड़ रुपये मंजूर किए; बीजेपी ने इसे वोट बैंक राजनीति बताया।
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आर. अशोक बोले—सरकार फिर “शादी भाग्य” व “शादी महल” जैसे चुनिंदा समुदायों के लिए योजनाएँ दोहरा रही है।
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उत्तर कर्नाटक के किसानों को राहत नहीं, लेकिन कम्युनिटी हॉल्स पर करोड़ों—बीजेपी नेताओं ने उठाया सवाल।
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प्रह्लाद जोशी, बसनगौड़ा पाटिल समेत कई नेताओं ने कहा—यह फैसला सामाजिक असमानता बढ़ाएगा और चुनावों में असर दिखेगा।
समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु, 22 नवंबर: कर्नाटक बीजेपी ने कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिम कम्युनिटी हॉल्स के निर्माण के लिए 67 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने को लेकर तीखा हमला बोला है। विपक्ष ने इस फैसले को “स्पष्ट तुष्टिकरण” और “वोट-बैंक राजनीति” करार दिया है, आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों, स्कूलों और पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी बुनियादी जरूरतों को गंभीरता से नहीं ले रही।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता आर. अशोक ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार अपने पुराने पैटर्न पर लौट आई है, जब उनकी पूर्व सरकार ने शादी भाग्य और शादी महल जैसी योजनाएँ केवल अल्पसंख्यक समुदायों के लिए लागू की थीं।
उन्होंने आरोप लगाया,
आज फिर सरकार करोड़ों रुपये केवल एक समुदाय की सुविधाओं पर खर्च करने को तैयार है, जबकि किसान राहत, सड़क मरम्मत और स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीरता नहीं दिख रही। यह संविधान के समानता सिद्धांत के खिलाफ है।
बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि उत्तर कर्नाटक के किसान लगातार सूखे, फसल नुकसान और वित्तीय संकट की मार झेल रहे हैं, लेकिन उनकी सहायता पर सरकार का ध्यान नहीं है।
उनके अनुसार,
किसानों ने महीनों से सहायता की गुहार लगाई, लेकिन सरकार ने कोई राहत नहीं दी। परंतु कम्युनिटी हॉल्स पर तुरंत करोड़ों आवंटित कर दिए गए, यह संवैधानिक और नैतिक दोनों रूप से गलत है।
पूर्व भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल ने भी इस आवंटन पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएँ नहीं हैं, कई जिलों में सड़कें जर्जर हालत में हैं और स्वास्थ्य सेवाओं में भारी कमी है।
उन्होंने कहा,
सरकार किस ‘सांस्कृतिक गतिविधि’ को बढ़ावा दे रही है? जिस समुदाय में परंपरागत रूप से नृत्य, संगीत व कला पर कई प्रतिबंध हैं, वहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर करोड़ों क्यों खर्च हो रहे हैं?
बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार की यह चुनिंदा उदारता केवल एक समुदाय को खुश करने की कोशिश है, जिसका परिणाम सामाजिक असंतुलन और प्रदेश में बढ़ती खाई के रूप में सामने आएगा।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे खतरनाक राजनीतिक प्रवृत्ति करार दिया।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री केवल एक समुदाय को खुश करने में व्यस्त हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और बाकी समुदायों की जरूरतें पीछे छूट गई हैं। यह विभाजनकारी राजनीति बंद होनी चाहिए।
बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह चयनात्मक बजट आवंटन राज्य की सामाजिक एकता और निष्पक्ष संसाधन वितरण को प्रभावित करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि जनता अब इन फैसलों को सावधानी से देख रही है और अगर सरकार केवल वोट बैंक आधारित योजनाएँ चलाती रही, तो इसका सीधा असर आगामी चुनावों में दिखेगा।
पार्टी का कहना है कि उनकी मांग किसी समुदाय की सहायता रोकने की नहीं, बल्कि समान रूप से सभी नागरिकों के लिए विकास और संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण है। बीजेपी ने सरकार से आग्रह किया कि सार्वजनिक धन का उपयोग सभी के हित में किया जाए, न कि किसी एक जाति या समुदाय को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए।