मौन व्रत तोड़ते ही प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान: अपनी 90% संपत्ति जन सुराज को दान

भितिहरवा आश्रम में 24 घंटे का मौन उपवास पूरा कर कहा— “गांधी जी की प्रेरणा से बिहार नवनिर्माण का नया आंदोलन शुरू होगा।”

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • विधानसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए पीके का बड़ा कदम
  • 15 जनवरी से ‘बिहार नवनिर्माण संकल्प अभियान’ शुरू करेंगे
  • सरकार पर वोट खरीदने और वादाखिलाफी के गंभीर आरोप
  • 20 साल की 90% अर्जित संपत्ति जन सुराज को दान करने की घोषणा

समग्र समाचार सेवा
पटना | 21 नवंबर: 2025 के विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी को एक भी सीट न मिलने के बाद पार्टी संस्थापक प्रशांत किशोर ने इसकी पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी। हार के बाद गुरुवार को वे भितिहरवा आश्रम पहुंचे, जहां से उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई थी। यहीं उन्होंने 24 घंटे का मौन व्रत और उपवास रखकर आत्ममंथन किया।

शुक्रवार को मौन व्रत समाप्त करने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़े ऐलान किए। पीके ने कहा कि वे गांधी जी की प्रेरणा से एक बार फिर आंदोलन की शुरुआत करेंगे। उन्होंने घोषणा की कि 15 जनवरी से वे बिहार के सभी 1 लाख 18 हजार वार्डों में जाकर ‘बिहार नवनिर्माण संकल्प अभियान’ के तहत जनता से संवाद करेंगे और सरकार से किए गए वादों को पूरा कराने का जनदबाव बनाएंगे।

विद्यालय की छात्राओं ने जूस और पानी पिलाकर उनका मौन व्रत तुड़वाया।

सरकार पर हमला

प्रशांत किशोर ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से ठीक पहले गरीब वोटरों को 10,000 रुपये देकर वोट खरीदे गए। साथ ही 2 लाख रुपये देने का वादा कर जनता को भ्रमित किया गया। उन्होंने कहा कि “बिहार चुनाव में इस बार पैसे से वोट खरीदने का खुला खेल देखने को मिला।”

नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए पीके ने कहा कि उन्हें अब “ईमानदार मुख्यमंत्री” समझना मुश्किल हो गया है, क्योंकि राज्य सरकार में आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को मंत्री बनाया गया है।

90% संपत्ति दान का बड़ा फैसला

मौन व्रत तोड़ते ही प्रशांत किशोर ने अपनी व्यक्तिगत संपत्ति को लेकर भी बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उनकी कुल कमाई का 90% हिस्सा जन सुराज आंदोलन के लिए समर्पित होगा। पिछले 20 वर्षों में जो संपत्ति अर्जित की है, उनमें से परिवार के घर को छोड़कर बाकी सभी संपत्तियां जन सुराज को दान की जाएंगी।

उन्होंने समर्थकों से अपील की कि हर जनसुराजी साल में 1,000 रुपये संगठन को दे, ताकि आंदोलन को मजबूत आधार मिल सके। पीके ने कहा कि “हम चुनाव भले हार गए हों, लेकिन लड़ाई खत्म नहीं हुई है।”

भितिहरवा आश्रम से नए संकल्प के साथ उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जन सुराज एक मजबूत राजनीतिक शक्ति बनकर उभरेगा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.