भारत ने मेरी मां की जान बचाई- सजीब वाजेद
बेटे सजीब वाजेद ने PM मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, उग्रवादी हत्या की साजिश रच रहे थे
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सजीब वाजेद का दावा, 17 जज हटाए गए, बचाव पक्ष को कोर्ट से दूर रखा गया।
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आरोप, बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार ने हजारों आतंकियों को रिहा कर दिया।
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लश्कर-ए-तैयबा के बांग्लादेश में सक्रिय होने और दिल्ली हमलों से लिंक का आरोप।
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अवामी लीग ने कहा, भारत से सम्मानजनक आश्रय जारी रखने की उम्मीद।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली/ढाका, 19 नवंबर: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने पिछले वर्ष छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों पर सरकारी कार्रवाई को “क्रूरतापूर्ण” बताते हुए उनकी अनुपस्थिति में फांसी की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद ढाका और नई दिल्ली के बीच राजनीतिक, कूटनीतिक और सुरक्षा संबंधों में नई उथल-पुथल दिखाई दे रही है।
इसी बीच, भारत में शरण लिए बैठे शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए दावा किया कि कट्टरपंथी समूह उनकी मां की हत्या की योजना बना रहे थे। उन्होंने कहा—
> “भारत ने सच में मेरी मां की जान बचाई। यदि वह समय रहते बांग्लादेश नहीं छोड़तीं, तो उग्रवादी उन्हें मार देते।”
सजीब ने ढाका द्वारा भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोध को न्यायिक सिद्धांतों का उल्लंघन बताते हुए खारिज कर दिया। उनका आरोप है कि अंतरिम सरकार ने 17 जजों को बर्खास्त, संसदीय मंजूरी के बिना कानूनों में अवैध संशोधन, और बचाव पक्ष के वकीलों को अदालती प्रक्रिया से बाहर करने जैसी गंभीर गड़बड़ियां कीं।
सजीब के मुताबिक ऐसी परिस्थितियों में भारत सहित कोई भी लोकतांत्रिक देश प्रत्यर्पण मंजूर नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी दावा किया कि बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार ने पूर्व में दोषी पाए गए हजारों आतंकियों को रिहा कर दिया है और लश्कर-ए-तैयबा अब वहां खुलकर सक्रिय है।
उन्होंने हाल में दिल्ली में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी जड़ें बांग्लादेश के अंदर मौजूद उग्रवादी समूहों तक जाती हैं।
उधर, शेख हसीना के खिलाफ सजा और प्रत्यर्पण की मांग के बाद अवामी लीग के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि उनकी वापसी तभी संभव है जब राजनीतिक समावेश, सुरक्षा और सम्मान की गारंटी हो। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत उन्हें आश्रय और सुरक्षा उपलब्ध कराता रहेगा।