बीएमसी चुनाव: ‘2-4 सीट पर सिमट जाओगे’, कांग्रेस से शिवसेना UBT

शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस को दी चेतावनी, बिहार चुनाव की हार का हवाला देकर 'स्वयंबल' की बात को नकारा।

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  • बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव से पहले कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई द्वारा ‘अकेले चुनाव लड़ने’ के संकेत से महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में गहरा तनाव उत्पन्न हो गया है।
  • शिवसेना (UBT) के नेता आनंद दुबे ने कांग्रेस की हालिया बिहार चुनाव में हुई करारी हार पर कटाक्ष करते हुए उन्हें चेतावनी दी कि अकेले लड़ने पर पार्टी मुंबई में केवल 2-4 सीटों पर ही सिमट जाएगी।
  • शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस को ‘अति आत्मविश्वास’ से बचने और बीजेपी के तूफान में डूबने से बचने के लिए तुरंत एमवीए की नाव में बने रहने की सलाह दी है।

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 19 नवंबर: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आगामी बीएमसी चुनाव को लेकर सीट बंटवारे और नेतृत्व के सवाल पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी सामने आई है। यह विवाद तब बढ़ा, जब कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने यानी ‘स्वयंबल’ की बात करनी शुरू कर दी।

कांग्रेस की इस स्वतंत्र ताल ठोकने की इच्छा पर शिवसेना (UBT) ने कड़ा रुख अपनाया है। शिवसेना (UBT) के नेता आनंद दुबे ने इस मुद्दे पर हमला करते हुए कांग्रेस की राजनीतिक ताकत पर ही सवाल उठा दिए हैं। दुबे ने तंज कसते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस अकेला राष्ट्रीय पक्ष है, तो उसे कभी-कभी राष्ट्रीय पक्ष होने का सपना याद आ जाता है। उन्होंने कहा कि यह अति आत्मविश्वास कांग्रेस को ले डूबेगा।

बिहार की हार पर शिवसेना का तीखा वार

आनंद दुबे ने कांग्रेस को उसकी हालिया चुनावी विफलताओं, खासकर बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि “अभी बिहार में जो दुर्दशा हुई है, उसे लगता है कांग्रेस भूल गई है।” बिहार में आरजेडी के साथ गठबंधन में रहने के बावजूद कांग्रेस ने 61 सीटों पर लड़कर महज 6 सीटें ही जीती थीं।

दुबे ने कटाक्ष किया कि जब कांग्रेस को लगता है कि वह बहुत ताकतवर है, वह वहां जाकर हार जाती है। मुंबई के संदर्भ में उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा, “कांग्रेस को लगता है कि (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के आने से) उत्तर भारतीय नाराज हो जाएंगे। बिहार में कौन सी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना थी? बिहार में 61 से 6 सीटों पर आ गई। मुंबई में तो लगता है कि 2-4 सीटों पर आ जाएगी।” उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि शिवसेना (UBT) कांग्रेस को मुंबई में उनकी अनुमानित ताकत से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं है।

‘हमारी नाव में बैठोगे तो नैया पार होगी’

अपने बयान में आनंद दुबे ने कांग्रेस के नेताओं को सीधे चेतावनी दी कि अगर वे अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लेते हैं, तो यह उनके लिए आत्मघाती साबित होगा। उन्होंने कहा, “इन्हें नहीं पता कि इनकी नाव में एक छेद है। बीच समंदर में जाकर डूब जाएंगे।”

दुबे ने कहा कि कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि इस समय देश और महाराष्ट्र में बीजेपी की लहर चल रही है। उन्होंने एक मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए कहा कि, “हमारी नाव में बैठोगे तो नैया पार हो जाएगी, नहीं तो बीजेपी के तूफान और लहरों में कहां डूब जाओगे पता नहीं चलेगा। बड़े बुजुर्ग कह गए हैं कि जब आंधी तूफान आए, तब बैठ जाना चाहिए।” यह स्पष्ट सलाह है कि अगर कांग्रेस बीजेपी के सामने टिकना चाहती है, तो उसे शिवसेना (UBT) और एनसीपी के साथ ही गठबंधन में रहना होगा।

गठबंधन की चुनौती और वैचारिक मतभेद

सीट बंटवारे के विवाद के अलावा, शिवसेना (UBT) नेता ने पूर्व कांग्रेसी सांसद हुसैन दलवाई के दिल्ली धमाके पर दिए गए विवादित बयान पर भी आपत्ति जताई। यह दर्शाता है कि एमवीए में दरारें केवल सीटों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह वैचारिक मतभेदों को भी उजागर कर रही हैं। बीएमसी चुनावों में बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना को हराने के लिए एमवीए का एकजुट रहना आवश्यक है। ऐसे में, यह internal rift गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती पेश करेगा, और कांग्रेस को जल्द ही अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।

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