अजीजी भारत दौरे पर, अफगानिस्तान-भारत व्यापार को मिलेगी रफ्तार

तालिबान मंत्री अलहाज नूरुद्दीन अजीजी 5 दिन की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे; द्विपक्षीय व्यापार और निवेश पर फोकस

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अलहाज नूरुद्दीन अजीजी 19 नवंबर, बुधवार को 5 दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे हैं।
  • इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करना और सहयोग का विस्तार करना है।
  • यह दौरा पाकिस्तान द्वारा सीमा बंद करने से उपजे तनाव के बीच हो रहा है, जिससे अफगान व्यापारियों के लिए वैकल्पिक व्यापार मार्गों का महत्व बढ़ गया है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18 नवंबर: तालिबान शासित अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अलहाज नूरुद्दीन अजीजी बुधवार को पांच दिवसीय आधिकारिक दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। उनकी इस यात्रा का प्राथमिक उद्देश्य भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। अजीजी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चल रहा है, जिसके चलते पाकिस्तान ने अपनी जमीनी सीमाएं बंद कर दी हैं। सीमा बंद होने से अफगान ताजे फल और अन्य निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिसके बाद तालिबान प्रशासन ने अपने व्यापारियों को पाकिस्तान के अलावा अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की सलाह दी थी।

विदेश मंत्रालय ने मंत्री अजीजी की भारत यात्रा का स्वागत किया है और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है। उनकी इस यात्रा को भारत-अफगानिस्तान के बीच बढ़ते संबंधों और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान अजीजी की मुलाकात भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, उद्योग जगत के नेताओं और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ होने की संभावना है, ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।

मुत्तकी की सफल यात्रा के बाद दूसरा अहम दौरा

यह दौरा खास इसलिए भी है क्योंकि यह अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की भारत की सफल पांच दिवसीय यात्रा के कुछ ही हफ्तों बाद हो रहा है। मुत्तकी की अक्टूबर में हुई यात्रा ने दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों में जमी बर्फ को पिघलाने का काम किया था। मुत्तकी की यात्रा के बाद ही, भारत ने काबुल में अपने तकनीकी मिशन को फिर से पूर्ण दूतावास का दर्जा दे दिया था, जो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था।

अब उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री का दौरा दर्शाता है कि दोनों देश आर्थिक संबंधों को केंद्र में रखकर आगे बढ़ना चाहते हैं। अफगानिस्तान के लिए भारत हमेशा से एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार रहा है। अफगानिस्तान सूखे मेवे, मसाले और औषधीय जड़ी-बूटियों का निर्यात करता रहा है, जबकि भारत उसे कपड़ा, दवाइयाँ और अन्य उपभोक्ता वस्तुएँ निर्यात करता है।

व्यापार और निवेश बढ़ाने पर होगा मुख्य ध्यान

अलहाज नूरुद्दीन अजीजी का एजेंडा साफ है: भारतीय निवेशकों को अफगानिस्तान में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना और द्विपक्षीय व्यापार की राह में आ रही बाधाओं को दूर करना। अफगानिस्तान के व्यापारी भारत को एक भरोसेमंद वैकल्पिक मार्ग के रूप में देखते हैं, खासकर जब पाकिस्तान के साथ पारगमन व्यापार अस्थिर हो गया है।

इस यात्रा में चाबहार बंदरगाह के उपयोग को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है, जो भारत को अफगानिस्तान तक सीधे समुद्री पहुंच प्रदान करता है। चाबहार मार्ग पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए, व्यापार के लिए एक स्थिर और कम लागत वाला विकल्प प्रदान कर सकता है। अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं और भारतीय निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों पर भी दोनों पक्ष विचार-विमर्श कर सकते हैं।

यह उच्च स्तरीय यात्रा, भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति के तहत, अफगानिस्तान की जनता के साथ संबंध बनाए रखने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है, भले ही वहां की सत्ता तालिबान के हाथों में हो। यह दौरा यह साबित करता है कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, अफगानिस्तान के लिए आर्थिक और मानवीय सहायता के दरवाजे भारत ने खुले रखे हैं। इस पांच दिवसीय यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे अफगानिस्तान को आर्थिक स्थिरता मिल सकेगी।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.