लालू परिवार में कलह क्यों? तेजस्वी के नेतृत्व से तेजप्रताप-रोहिणी क्यों नाराज

बिहार चुनाव में हार के बाद बढ़ा पारिवारिक मतभेद; रोहिणी और तेजप्रताप दोनों ने तेजस्वी के करीबियों पर लगाया 'जयचंद' होने का आरोप

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  • बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की खराब हार के बाद लालू प्रसाद यादव का परिवार एक बार फिर बड़े घरेलू कलह की चपेट में है।
  • पहले तेज प्रताप यादव को पार्टी/परिवार से अलग होना पड़ा था, और अब बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास लेकर परिवार से दूरी बना ली है।
  • दोनों ही मामलों में असंतोष का मुख्य केंद्र तेजस्वी यादव का नेतृत्व और उनके करीबी सहयोगी संजय यादव तथा रमीज नेमत रहे हैं, जिन पर दोनों भाई-बहनों ने अपमानित करने और विश्वासघात का आरोप लगाया है।

समग्र समाचार सेवा
पटना, 16 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम आने के बाद, जहाँ एक ओर NDA खेमा सरकार गठन की तैयारी में जुटा है, वहीं दूसरी ओर RJD में हार की समीक्षा से पहले ही लालू प्रसाद यादव का परिवार नेतृत्व संकट और आंतरिक कलह के कारण बिखरता हुआ दिख रहा है। लालू-राबड़ी की दो संतानों, बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव के खिलाफ खुले तौर पर असंतोष व्यक्त किया है, जिसने RJD की एकजुटता पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

RJD के 75 से घटकर 25 सीटों पर सिमट जाने के बाद, तेजस्वी यादव की राजनीतिक क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं, और इन दोनों घटनाओं ने यह दर्शाया है कि लालू परिवार के सदस्य तेजस्वी के नेतृत्व और उनके काम करने के तरीके से तालमेल बिठाने में असफल रहे हैं।

तेज प्रताप: जयचंदों से धोखा

चुनाव अभियान शुरू होने से पहले ही तेज प्रताप यादव पारिवारिक और राजनीतिक मतभेदों के चलते अलग रास्ते पर निकल गए थे। उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाकर कुछ सीटों पर चुनाव भी लड़ा। तेज प्रताप ने उस समय भी तेजस्वी के दो करीबी सहयोगियों- संजय यादव और रमीज नेमत को निशाने पर लिया था, जिन्हें उन्होंने ‘जयचंद’ (विश्वासघाती) तक कहा था। तेज प्रताप का आरोप था कि इन बाहरी लोगों ने तेजस्वी को परिवार से दूर किया और पार्टी के भीतर धोखा दिया।

राजद ने तेज प्रताप के अलग होने को भले ही व्यक्तिगत निर्णय बताया हो, लेकिन यह स्पष्ट था कि तेजस्वी यादव अपने बड़े भाई को पार्टी और परिवार के साथ रखने में सफल नहीं हो पाए, जिसका सीधा खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा।

रोहिणी आचार्य: अपमान और चप्पल से मारने का आरोप

चुनाव परिणाम आने के ठीक बाद, लालू की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने भी राजनीति और परिवार दोनों से दूरी बनाने की घोषणा कर दी। रोहिणी ने सोशल मीडिया पर किए गए अपने भावनात्मक पोस्ट में बताया कि उन्हें अपमानित किया गया, गंदी गालियाँ दी गईं और मारने के लिए चप्पल उठाई गई।

रोहिणी ने पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए साफ कहा कि अब उनका कोई परिवार नहीं है और उन्हें अपमानित करके घर से निकाला गया है। उन्होंने इसके लिए सीधे-सीधे तेजस्वी यादव, संजय यादव और रमीज नेमत को जिम्मेदार ठहराया। रोहिणी के अनुसार, इन लोगों ने उन्हें जलील करके मायका छुड़वाया और उन्हें अनाथ बना दिया।

रोहिणी और तेज प्रताप दोनों की नाराजगी का केंद्र तेजस्वी के करीबी सहयोगी हैं, जो यह दिखाता है कि लालू के परिवार में अब पारिवारिक नेतृत्व की जगह गैर-पारिवारिक सलाहकारों का दखल बढ़ गया है, जिसे बाकी सदस्य स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इस बढ़ते दरार ने RJD के भविष्य को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं, खासकर जब लालू प्रसाद यादव सक्रिय राजनीति से बाहर हैं।

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