बिहार चुनाव में विश्व बैंक के ₹14,000 करोड़ के दुरुपयोग का आरोप, जन सुराज का बड़ा दावा
प्रशांत किशोर की पार्टी ने कहा—महिला मतदाताओं को चुनाव से पहले बांटा गया विश्व बैंक फंड, ‘बहुमत खरीदने’ का आरोप भी लगाया।
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जन सुराज ने आरोप लगाया कि विश्व बैंक से मिले प्रोजेक्ट फंड का चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल हुआ।
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दावा: आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले 1.25 करोड़ महिलाओं को ₹10,000 ट्रांसफर किए गए।
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₹14,000 करोड़ निकालकर कैश ट्रांसफर के जरिए वोट प्रभावित करने का आरोप।
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पार्टी बोले—इसने बिहार की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ डाल दिया, शिक्षा-स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 16 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन वर्मा ने बड़ा दावा किया है कि विश्व बैंक से प्राप्त ₹21,000 करोड़ के फंड में से ₹14,000 करोड़ का इस्तेमाल चुनाव प्रभावित करने के लिए किया गया।
विश्व बैंक फंड को महिला मतदाताओं में बांटने का आरोप
पवन वर्मा ने कहा कि यह राशि मूल रूप से किसी अन्य विकास परियोजना के लिए विश्व बैंक से मिली थी, लेकिन चुनाव से कुछ दिनों पहले ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के नाम पर 1.25 करोड़ महिलाओं को ₹10,000 ट्रांसफर किए गए।
वर्मा ने इसे “चुनावी लाभ लेने की सीधी कोशिश” बताया।
आचार संहिता से एक घंटे पहले निकाले गए ₹14,000 करोड़
पार्टी का आरोप है कि आचार संहिता लागू होने से ठीक एक घंटे पहले अचानक ₹14,000 करोड़ राज्य खजाने से निकालकर महिलाओं में बांटे गए।
जन सुराज ने इसे “राजकीय संसाधनों का दुरुपयोग” करार दिया।
बिहार का खजाना खाली, कर्ज बढ़ने की चिंता
वर्मा ने कहा कि बिहार पहले ही ₹4,06,000 करोड़ के भारी सार्वजनिक कर्ज के बोझ तले दबा है, और रोज़ाना ₹63 करोड़ ब्याज चुकाता है।
ऐसे में इस तरह की भारी-भरकम कैश स्कीम ने राज्य की आर्थिक स्थिति को और अधिक कमजोर कर दिया।
‘बहुमत खरीदा गया’—उदय सिंह
जन सुराज के राष्ट्रीय प्रवक्ता उदय सिंह ने दावा किया कि कैश ट्रांसफर के जरिए वोट खरीदे गए और इस वजह से जदयू को अप्रत्याशित रूप से अधिक सीटें मिलीं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर ने पहले 25 सीटें अनुमानित की थीं, पर “खजाना खोलने” के बाद तस्वीर बदल गई।
- सीमांचल में ध्रुवीकरण का असर
पार्टी ने कहा कि दिल्ली ब्लास्ट के बाद सीमांचल में ध्रुवीकरण बढ़ा, जिससे जन सुराज के वोट NDA की ओर शिफ्ट हो गए।
“हमें 15% वोट आने चाहिए थे, पर 4% से भी कम मिले,” पार्टी ने कहा।