RJD की हार पर तेज प्रताप का तंज: तेजस्वी को कहा ‘फेलस्वी’
'हार की जिम्मेदारी लें तेजस्वी', अमित शाह को बताया 'चाणक्य'; लालू परिवार में नई कलह शुरू
- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की करारी हार के बाद, RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने भाई और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है।
- तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव को ‘फेलस्वी’ (फेल + तेजस्वी) कहकर संबोधित किया और हार की जिम्मेदारी लेने की मांग की, जिससे लालू परिवार और RJD के भीतर नेतृत्व की लड़ाई सतह पर आ गई है।
- उन्होंने NDA की जीत के प्रमुख रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति की तारीफ करते हुए उन्हें ‘चाणक्य’ बताया, जो पार्टी के लिए एक चौंकाने वाला बयान है।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 14 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ऐतिहासिक जीत के बाद, विपक्षी महागठबंधन और विशेष रूप से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के भीतर आत्म-विनाशकारी कलह शुरू हो गई है। इस कलह को हवा किसी बाहरी नेता ने नहीं, बल्कि खुद लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पार्टी विधायक तेज प्रताप यादव ने दी है।
रुझानों में NDA के 200 से अधिक सीटों पर बढ़त बनाने और महागठबंधन के दहाई के अंकों तक सिमट जाने के बाद, तेज प्रताप ने सीधे अपने भाई तेजस्वी यादव पर निशाना साधा, जो इस चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। तेज प्रताप ने तंज कसते हुए तेजस्वी को ‘फेलस्वी’ (Failswi) कहकर संबोधित किया। यह शब्द राजनीतिक गलियारों में भूचाल लेकर आया है, क्योंकि यह सीधे तौर पर तेजस्वी के नेतृत्व को असफल घोषित करता है।
तेज प्रताप ने मीडिया के सामने आकर कहा कि पार्टी की इतनी बड़ी हार का सबसे बड़ा कारण गलत टिकट वितरण, कमजोर संगठन और परिवार के वरिष्ठ सदस्यों को दरकिनार करना रहा।
तेज प्रताप की जुबानी, अमित शाह की तारीफ
तेज प्रताप ने न केवल अपने भाई पर हमला किया, बल्कि NDA की जीत के शिल्पकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ में कसीदे पढ़े। उन्होंने अमित शाह को ‘राजनीति का चाणक्य’ करार दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान न केवल अमित शाह के प्रति सम्मान व्यक्त करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि तेज प्रताप, तेजस्वी की चुनाव रणनीति और जमीनी संगठन की विफलता को स्वीकार करते हैं। तेज प्रताप का यह कदम RJD के लिए दोहरी मुसीबत लेकर आया है: एक तरफ चुनावी हार और दूसरी तरफ परिवार के भीतर की खुली बगावत।
तेज प्रताप यादव ने मांग की है कि तेजस्वी यादव को हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी के भीतर अपने पद और भूमिका की समीक्षा करनी चाहिए।
लालू परिवार की कलह फिर सतह पर
लालू परिवार में दोनों भाइयों के बीच नेतृत्व को लेकर खींचतान लंबे समय से चल रही है। तेज प्रताप खुद को लालू प्रसाद यादव का राजनीतिक वारिस मानते हैं, जबकि तेजस्वी यादव को पार्टी के अधिकांश विधायकों और बड़े नेताओं का समर्थन प्राप्त है।
इस चुनाव में, तेज प्रताप ने कुछ सीटों पर बगावत करते हुए अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी। चुनाव के बाद, जब पार्टी को करारी हार मिली है, तो तेज प्रताप ने इसे हिसाब बराबर करने के मौके के तौर पर देखा है।
RJD के वरिष्ठ नेताओं के लिए यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। पार्टी अब न केवल विपक्ष में बैठने जा रही है, बल्कि उसे आंतरिक नेतृत्व के संकट से भी जूझना पड़ेगा। तेज प्रताप का यह तंज स्पष्ट संकेत है कि आने वाले दिनों में RJD के भीतर अधिकार और नेतृत्व की लड़ाई और भी तेज होने वाली है, जिससे लालू परिवार की एकता खतरे में पड़ सकती है।