दिल्ली धमाका: मास्टरमाइंड डॉ. उमर का पुलवामा घर ध्वस्त
सुरक्षा बलों ने IED विस्फोट से की कार्रवाई, आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' का कड़ा संदेश
- दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट के मुख्य साजिशकर्ता आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद के पुलवामा स्थित मकान को सुरक्षा एजेंसियों ने आईईडी विस्फोट के जरिए नष्ट कर दिया है।
- सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ चल रही अपनी सख्त मुहिम के तहत इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है, यह कार्रवाई आतंकियों के बुनियादी ढांचे पर सीधा प्रहार है।
- जांच में खुलासा हुआ है कि विस्फोट की पूरी प्लानिंग एन्क्रिप्टेड स्विस मैसेजिंग ऐप से रची गई थी और इस नेटवर्क में तीन कारों का उपयोग किया गया था।
समग्र समाचार सेवा
श्रीनगर, 14 नवंबर: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए भीषण लाल किला कार धमाके के मास्टरमाइंड कहे जा रहे आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद के पुलवामा स्थित घर को सुरक्षा एजेंसियों ने आज आईईडी विस्फोट से पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जारी कड़ी कार्रवाई का हिस्सा है। सुरक्षा बलों ने इलाके को पूरी तरह घेरने के बाद इस ऑपरेशन को नियंत्रित तरीके से अंजाम दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसका कोई नुकसान आसपास के नागरिकों को न हो।
डॉ. उमर मोहम्मद दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए उस कार विस्फोट का मुख्य गुनहगार माना जाता है, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी। उसके घर को ध्वस्त करने का यह कदम, न केवल इस आतंकी को समर्थन देने वाले स्थानीय ढांचे को खत्म करता है, बल्कि आतंकवाद को शरण देने वालों के लिए एक कड़ा और स्पष्ट संदेश भी है।
एन्क्रिप्टेड ऐप से रची गई थी साजिश
धमाके की जांच में अब तक कई बड़े खुलासे हो चुके हैं, जो इस मॉड्यूल की उच्च स्तरीय साजिश को दर्शाते हैं। जांच एजेंसियों ने पाया है कि ब्लास्ट के मुख्य आरोपी, जिसमें डॉ. उमर मोहम्मद, डॉ. मुजम्मिल अहमद और डॉ. शाहीन शाहिद शामिल हैं, ने अपनी पूरी प्लानिंग एक एन्क्रिप्टेड स्विस मैसेजिंग ऐप के जरिए की थी। इसी ऐप से उन्होंने अपने पूरे आतंकी मिशन को कोऑर्डिनेट किया। डीएनए सैंपलों की जांच से यह भी पुष्टि हुई है कि लाल किले के पास विस्फोट हुई सफेद हुंडई i20 कार को डॉ. उमर ही चला रहा था।
फरीदाबाद से जुड़े हमले के तार: व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल
जांच के दौरान, फरीदाबाद में एक और संदिग्ध कार (मारुति ब्रेजा) अल-फलाह विश्वविद्यालय के पार्किंग में मिली। यह कार डॉ. शाहीन शाहिद के नाम पर पंजीकृत है, जिसे पहले ही ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा, आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई तीसरी कार (लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट) भी फरीदाबाद के खंडावली गांव से बरामद की गई थी।
यह पूरा मॉड्यूल जिस तरह से शिक्षित पेशेवरों और गुप्त संचार का उपयोग कर रहा था, वह सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती पेश करता है। हरियाणा के नूंह में भी छापेमारी की गई, जहां खाद और बीज बेचने वाले एक शख्स को इस शक में हिरासत में लिया गया कि उसने आतंकियों को भारी मात्रा में एनपीके खाद (जिसका उपयोग विस्फोटक बनाने में हो सकता है) बेची थी।
डॉ. उमर के घर को IED से उड़ाने का यह कदम, भारत की उस नीति को दर्शाता है जिसमें आतंकवाद से जुड़े हर व्यक्ति और उसके बुनियादी ढांचे पर निर्णायक हमला किया जा रहा है। यह कार्रवाई स्पष्ट करती है कि सरकार आतंकी गतिविधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर दृढ़ है।