ईरान मिसाइल नेटवर्क: भारतीय कंपनी पर US की बड़ी कार्रवाई
अमेरिका ने भारत सहित छह देशों की 32 कंपनियों व व्यक्तियों पर लगाया प्रतिबंध; आरोप—ईरान के मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रम को मिल रहा था समर्थन
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अमेरिका ने 32 विदेशी संस्थाओं व व्यक्तियों पर नए प्रतिबंध लगाए
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आरोप—IRGC के लिए मिसाइल और UAV उत्पादन नेटवर्क को सपोर्ट
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भारत, चीन, UAE, हांगकांग और तुर्किये की संस्थाएं सूची में शामिल
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US ने कहा—ईरान के परमाणु व हथियार कार्यक्रम रोकने के लिए “मैक्सिमम प्रेशर”
समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 13 नवंबर:अमेरिका ने बुधवार को एक बार फिर कठोर रुख अपनाते हुए भारत सहित छह देशों की 32 कंपनियों और व्यक्तियों पर नए प्रतिबंधों की घोषणा कर दी। यह कदम ऐसे समय सामने आया है जब वॉशिंगटन ईरान के बढ़ते बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रम को लेकर लगातार चिंता जता रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने आरोप लगाया कि इन विदेशी संस्थाओं ने ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) से जुड़े उन खरीद नेटवर्क का हिस्सा बनकर काम किया, जो मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) के निर्माण में अहम भूमिका निभाते थे।
अमेरिका ने स्पष्ट किया कि इस बार कार्रवाई का संबंध रूसी तेल या भारत की ऊर्जा खरीद नीति से नहीं है, बल्कि यह सीधे तौर पर ईरान के सैन्य आधुनिकीकरण और हथियार क्षमता में वृद्धि को रोकने के प्रयास का हिस्सा है। विदेश विभाग के मुताबिक, प्रतिबंधों के दायरे में आने वाले नेटवर्क कई देशों में सक्रिय थे और ईरान की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने वाले विशेष पुर्जे, तकनीक और सामग्रियों की आपूर्ति करते थे।
वॉशिंगटन के अनुसार, इन नेटवर्कों ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम को वैध अंतरराष्ट्रीय व्यापार के आवरण में छिपाकर सहयोग दिया। कई संस्थाएं ऐसे देशों में रजिस्टर्ड थीं जहाँ से ईरान को तकनीकी सामग्री भेजना आसान था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इन गतिविधियों ने मध्य पूर्व की स्थिरता पर सीधा असर डाला और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ाया।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय के सचिव (आतंकवाद एवं वित्तीय खुफिया) जॉन के. हर्ले ने आरोप लगाया कि ईरान न केवल अपने मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रम के लिए वैश्विक वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग करता है, बल्कि यह धनशोधन और प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए भी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का इस्तेमाल करता है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य ईरान की उन कोशिशों को रोकना है, जिनसे वह परमाणु और पारंपरिक हथियारों की क्षमता को बढ़ा सकता है।”
हर्ले ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश के तहत अमेरिका ईरान पर अधिकतम दबाव (मैक्सिमम प्रेशर कैम्पेन) बनाये रखेगा। उनका दावा है कि जब तक ईरान अपने मिसाइल कार्यक्रम और कथित परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर रोक नहीं लगाता, तब तक ऐसे कदम जारी रहेंगे।
भारत पर प्रतिबंधों को लेकर अमेरिकी अधिकारियों ने कोई विशिष्ट विवरण नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि भारत में स्थित कंपनी उन सप्लाई चेन का हिस्सा थी जो ईरान के UAV और मिसाइल उत्पादन के लिए कुछ तकनीकी या औद्योगिक सामग्रियां उपलब्ध करा रही थीं। भारत सरकार की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।