डॉ. रघुराज किशोर तिवारी एबीवीपी के अध्यक्ष और डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी महासचिव पुनः निर्वाचित

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  • प्रो. (डॉ.) रघुराज किशोर तिवारी एबीवीपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए।
  • डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी को फिर से राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में चुना गया।
  • दोनों पदाधिकारी 28 से 30 नवंबर को देहरादून में 71वें राष्ट्रीय सम्मेलन में पदभार ग्रहण करेंगे।

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 13 नवंबर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री के पद के लिए चुनाव प्रक्रिया आज मुंबई स्थित एबीवीपी के केंद्रीय कार्यालय में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस प्रक्रिया के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, जिसके तहत मध्य प्रदेश के प्रो. (डॉ.) रघुराज किशोर तिवारी को राष्ट्रीय अध्यक्ष और डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी को राष्ट्रीय महामंत्री (पुनः निर्वाचित) चुना गया है। दोनों ही पदाधिकारी वर्ष 2025-2026 के लिए अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।

नए नेतृत्व की घोषणा

एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के विशेष आमंत्रित सदस्य और चुनाव अधिकारी प्रो. (डॉ.) मसादी बापूराव ने चुनाव परिणामों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि निर्वाचित पदाधिकारी 28, 29 और 30 नवंबर को देहरादून, उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 71वें एबीवीपी राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान अपना कार्यभार संभालेंगे। यह घोषणा एबीवीपी में नए नेतृत्व के प्रवेश और निरंतरता का प्रतीक है, जो संगठन के लक्ष्यों को आगे बढ़ाएगा।

प्रो. (डॉ.) रघुराज किशोर तिवारी: शिक्षाविद् से नेतृत्व तक

मूल रूप से मध्य प्रदेश के रीवा के रहने वाले प्रो. (डॉ.) रघुराज किशोर तिवारी शिक्षा जगत में एक जाना-माना नाम हैं। उन्होंने अपनी पीएचडी जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जेएनकेवीवी), जबलपुर से एग्रोनॉमी (सस्य विज्ञान) में पूरी की। वर्तमान में, वह इसी विश्वविद्यालय के रीवा परिसर में एग्रोनॉमी विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

उनका एबीवीपी के साथ जुड़ाव 1987 से है। छात्र जीवन में वह कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, रीवा के छात्र संघ के निर्वाचित अध्यक्ष और महाकौशल प्रांत के प्रदेश मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। शिक्षक के तौर पर, उन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार (2014) से सम्मानित किया गया है और 2016 में प्रतिष्ठित त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल से विशिष्ट वैज्ञानिक पुरस्कार प्राप्त हुआ। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 125 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, तीन पुस्तकें लिखी हैं, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन समिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे पहले, वह महाकौशल प्रांतीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (2006-09) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं। वर्तमान में, वह कृषि छात्र गतिविधियों (एग्रीविजन) के प्रधान सलाहकार हैं।

डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी: छात्र हितों के लिए संघर्ष

राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में पुनः निर्वाचित हुए डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी मूल रूप से मध्य प्रदेश के इंदौर से हैं। उन्होंने श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SAIMS), इंदौर से एमबीबीएस पूरा किया और वर्तमान में उसी संस्थान से सामुदायिक चिकित्सा में एमडी कर रहे हैं। 2014 से एबीवीपी में सक्रिय, डॉ. सोलंकी ने ‘मेडेविजन’ (एबीवीपी की एलोपैथी छात्रों के लिए पहल) के माध्यम से चिकित्सा और दंत छात्रों के प्रमुख मुद्दों को हल करने में राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदान किया है।

उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी), इंदौर में कुलपति के खिलाफ भ्रष्टाचार और परीक्षा अनियमितताओं के आरोपों पर सफल अभियान का नेतृत्व किया। निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि के खिलाफ मध्य प्रदेश में सफल आंदोलन चलाने के साथ-साथ, 2018 में अचानक बंद हुए एक निजी मेडिकल कॉलेज के छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को बचाने के प्रयासों का नेतृत्व भी उन्होंने किया था। वह अपने परिवार द्वारा संचालित क्लिनिक के माध्यम से वंचित वर्गों को कम लागत पर चिकित्सा परामर्श और दवा वितरण की सेवा भी प्रदान करते हैं।

डॉ. सोलंकी पहले कॉलेज अध्यक्ष, इंदौर नगर मंत्री, मेडेविजन के राज्य प्रभारी, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य, राष्ट्रीय संयोजक और एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री जैसे विभिन्न पदों पर सफलतापूर्वक कार्य कर चुके हैं। उनका निवास इंदौर में है। दोनों नेताओं के अनुभव और समर्पण से एबीवीपी को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

 

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