भारत ने भूटान को 4,000 करोड़ की क्रेडिट लाइन दी, ऊर्जा सहयोग को मिलेगी नई रफ्तार

पीएम मोदी और भूटान के राजा ने 1,020 मेगावाट पुनात्सांगछू-II हाइड्रो प्रोजेक्ट का किया उद्घाटन, दोनों देशों के बीच ऊर्जा और संपर्क सहयोग को नई दिशा

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  • भारत ने भूटान को 4,000 करोड़ रुपये की रियायती क्रेडिट लाइन दी
  • पुनात्सांगछू-II हाइड्रो प्रोजेक्ट से भूटान की क्षमता में 40% वृद्धि होगी
  • गैलेफू और सामत्से को भारत की रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा
  • नवीकरणीय ऊर्जा, मानसिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवाओं पर तीन MoUs साइन हुए

समग्र समाचार सेवा
थिम्फू, 12 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक ने बुधवार को संयुक्त रूप से 1,020 मेगावाट के पुनात्सांगछू-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत-भूटान के बीच “जीवंत और लाभकारी ऊर्जा साझेदारी का मील का पत्थर” बताया, जिसने दोनों देशों के आम नागरिकों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

दो दिवसीय भूटान यात्रा के दौरान भारत ने भूटान के लिए 4,000 करोड़ रुपये की रियायती क्रेडिट लाइन की घोषणा की, जिससे देश में नई ऊर्जा परियोजनाओं को वित्तीय सहायता मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गैलेफू और सामत्से को भारत के विशाल रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे भूटान के उद्योगों और किसानों को भारतीय बाजारों तक बेहतर पहुँच मिलेगी। उन्होंने कहा, “कनेक्टिविटी अवसर लाती है और अवसर समृद्धि लाता है।”

भारत और भूटान के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में तीन समझौता ज्ञापन (MoUs) पर भी हस्ताक्षर हुए।

पीएम मोदी ने कहा कि भूटान वर्तमान में अपनी 100% बिजली नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पन्न करता है। “आज एक और 1,000 मेगावाट से अधिक क्षमता वाला नया जलविद्युत प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है, जिससे भूटान की हाइड्रोपावर क्षमता में लगभग 40% की वृद्धि होगी। इसके अलावा, एक रुकी हुई परियोजना पर भी कार्य फिर से शुरू किया जा रहा है,” उन्होंने कहा।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत और भूटान की प्रगति एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी है। इसी भावना के तहत भारत सरकार ने पिछले वर्ष भूटान की पंचवर्षीय योजना के समर्थन में 10,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया था, जिसका उपयोग सड़क, कृषि, वित्त और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में किया जा रहा है।

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